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    Bihar Politics: कदवा में बिछने लगी बिसात, टिकट एक दावेदार अनेक; मतदाता सभी को दे रहे आशीर्वाद!

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 03:36 PM (IST)

    कदवा विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनावों के लिए कई उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदाता इस स्थिति का आनंद ले रहे हैं क्योंकि हर पार्टी से कई दावेदार सामने आ रहे हैं। क्षेत्र की मुख्य समस्याएं बाढ़ और पलायन हैं जिनका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। विभिन्न दलों के नेता टिकट पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन अंतिम फैसला चुनाव के बाद ही पता चलेगा।

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    कदवा में बिछने लगी बिसात, टिकट एक दावेदार अनेक; मतदाता सभी को दे रहे आशीर्वाद

    संजीव मिश्रा, कदवा (कटिहार)। टिकट एक पर दावेदार अनेक। जमकर घूम रहे क्षेत्र, जान रहे लोगों के हालचाल और मतदाता चतुर सबको दे रहे आर्शीवाद। कदवा विधानसभा की कुछ ऐसी ही तस्वीर है। टिकट किसे मिलते है यह वक्त बताएगा, लेकिन फिलवक्त कई दावेदारों के सामने आने से मतदाता की पौ बारह है।

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    एक, एक दल से कई दावेदार जनता के बीच पहुंचकर अपनी बात रखते हुए अपने को दावेदार के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। एक ही दल से कई दावेदारों होने की वजह से मतदाता मंद ही मंद मुस्करा रहे हैं। तीन लाख तीन हजार 574 मतदाता वाले कदवा विधानसभा की मुख्य समस्या बाढ़ एवं पलायन है।

    इसके निदान की दिशा में तीन दशकों से कोई समाधान नहीं हो पाया है। हालांकि, क्षेत्र में पुल पुलिया एवं सड़कों का निर्माण हुआ है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में कदवा पिछड़ा ही है। रैयापुर घाट में महानंदा पर पुल नहीं बनने के साथ महानंदा में प्रति वर्ष आने वाली बाढ़ का निदान नहीं हो पाया है।

    कृषि एवं मजदूरी आधारित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्र में कोई उद्योग धंधा नहीं होने की वजह से रोजगार के लिए पलायन करना लोगों की मजबूरी है। इन सब समस्याओं से जुदा दावेदार बदलाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी के पास कोई विजन नहीं है।

    यहां जान लें कि गत दो विधानसभा से यहां के विधायक कांग्रेस से डॉ. शकील अहमद खान हैं। लिहाजा, एंटी इनकंबेंसी से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही पाटी के अंदरखाने में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी जोर शोर से चल रहा है।

    सिटिंग विधायक होने की वजह से दल से कोई प्रतिद्वंदी नजर नहीं आ रहा है, किंतु स्थानीय उम्मीदवार को मुद्दा बना कर राजद प्रखंड अध्यक्ष सुरेश यादव ताल ठोक रहे हैं।

    वहीं, गत चुनाव में जदयू के खाते में गई सीट पर गत चुनाव में पराजित हुए सूरज प्रकाश राय, कई दलों से भ्रमण करते हुए लोकसभा चुनाव में जदयू का दामन थामने वाले पूर्व राज्य मंत्री हिमराज सिंह, जिला परिषद सदस्य आशा सुमन, जदयू प्रखंड अध्यक्ष बिजय दास, मो मनोव्वर आदि अपने आप को संभावितों की सूची में बताते फिर रहे हैं।

    भाजपा की ओर से 2015 में प्रत्याशी रहे चंद्रभूषण ठाकुर क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखने के अभियान में जुटे हैं। भाजपा से ही मनोज मंडल, अशोक मेहता, बिपीन साह, रवि साह, प्रेम प्रकाश चौधरी भी बायोडाटा जमा कर टिकट की दावेदारी करते हुए जनसंपर्क अभियान में जुटे दिख रहे हैं।

    जन सुराज से एमआर हक, शहरयार, पूर्व बीडीओ हसीबुर रहमान आदि भी एड़ी चोटी लगा रहे हैं। कई निर्दलीय ही चुनावी मैदान में कूदने की दंभ भर रहे हैं। क्षेत्र में एक ही दल से कई दावेदारों से मतदाता मजे ले रहे हैं। सभी के हां में हां मिला रहे है। बहरहाल टिकट किसे मिलता है। यह तो आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल एक अनार सौ बीमार वाली कहावत कदवा में देखने को मिल रही है।

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