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    Bihar Politics: भोजपुर की सियासत में नई पीढ़ी को विकल्प बनने की चाहत, इस बार कई टिकट की दौड़ में

    भोजपुर में वंशवाद की राजनीति का दबदबा बरकरार है। कई नेता पुत्र आगामी चुनावों में टिकट के प्रबल दावेदार हैं। शाहपुर से राहुल तिवारी तरारी से विशाल प्रशांत और बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह जैसे नेता अपने परिवारों की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्तमान और पूर्व विधायकों के पुत्र भी टिकट पाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं।

    By Kanchan Kishore Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 22 Aug 2025 01:49 PM (IST)
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    भोजपुर की सियासत में अब विरासत की नई पीढ़ी संभाल रही कमान

    कंचन किशोर, आरा। वंशवाद भले ही मुद्दा रहा हो, लेकिन इससे विरासत की सियासत का महत्व कम नहीं हुआ है। राजनीति में परिवारवाद और परंपरा का असर एक बार फिर स्पष्ट झलक रहा है। जिन नेताओं ने दशकों तक राजनीति की जमीन तैयार की, अब उनके वारिस खुद को अगला विकल्प बताने लगे हैं। राजनीतिक पार्टियों में भी अगली पीढ़ी को सामने लाने का दबाव बढ़ा है, जिससे टिकट बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है।

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    आरा लोकसभा अंतर्गत सात में से तीन विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व विरासत में मिली राजनीति वाले नेता ही कर रहे हैं और इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार हैं। शाहपुर से विधायक राहुल तिवारी राजद के बड़े नेता शिवानंद तिवारी के पुत्र हैंं और लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं।

    पिता शिवानंद तिवारी राजद के टिकट पर ही वर्ष 2001 में विधायक बने थे और मद्द व निषेध मंत्री भी बनाया गया था। साथ ही 2009 से 2015 तक जदयू से राज्यसभा सांसद भी चुने गए थे। इसके पूर्व राहुल तिवारी के दादा स्व.पंडित रामानंद तिवारी भी विधायक और सांसद रहे थे।

    तरारी विधानसभा में पिछले साल हुए उपचुनाव को जीतकर विधायक बने विशाल प्रशांत पीरो और तरारी से विधायक रहे सुनील पांडेय के पुत्र हैंं। विरासत से सियासत में पहचान बनाने वाले में बड़हरा से छह बार विधायक चुने गए राघवेंद्र प्रताप सिंह भी हैं। इनके पिता स्व.अंबिका शरण सिंह भी पांच बार विधायक रहे थे। नेता पुत्रों में युवा चेहरे खुद को राजनीति का भविष्य बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

    वर्तमान और पूर्व विधायक-सांसद के पुत्र टिकट की रेस में विधानसभा चुनाव के टिकट की रेस में भोजपुर के अलग-अलग सीटों से कई वर्तमान एवं पूर्व सांसद-विधायक के पुत्र दावेदारी ठोंक रहे हैं।

    पूर्व सांसद स्व.अजीत सिंह और मीना सिंह के पुत्र विशाल सिंह हाल ही में बिस्कोमान के अध्यक्ष चुने गए हैं और आरा विधानसभा सीट के दावेदार माने जा रहे हैं। इनके दादा स्व.तपेश्वर सिंह भी बिहार में राजनीति का बड़ा चेहरा रहे थे।

    आरा सीट से ही विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के पुत्र और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आनंद रमन सिंह अपनी दावेदारी को लेकर क्षेत्र में सक्रिय हैं।

    उधर, लालू प्रसाद के करीबी परिवार में शुमार संदेश से विधायक किरण देवी और पूर्व विधायक अरुण यादव के पुत्र दीपू रानावत खुद विधानसभा पहुंचने की चाहत रखते हैं।

    जगदीशपुर से विधायक रामबिशुन लोहिया भी अपने पुत्र किशोर कुणाल उर्फ राजू यादव के लिए राजद में लॉबिंग कर रहे हैं।

    शाहपुर में पूर्व विधायक मुन्नी देवी और भाजपा नेता भुअर ओझा के पुत्र विकास रंजन ओझा टिकट की रेस में हैं। वहीं, उसी परिवार से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे स्व.विशेश्वर ओझा के पुत्र राकेश ओझा खुद को टिकट के दावेदार के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

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