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    Katihar Flood: निचले इलाकों में गंगा व महानंदा का पानी घुसने से हाहाकार, फसलें बर्बाद होने से टूट रही उम्मीदें

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 05:48 PM (IST)

    कटिहार के प्राणपुर प्रखंड में गंगा और महानंदा नदी के कारण एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सड़के डूबने से नाव ही एकमात्र सहारा है जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। कई किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है। स्कूलों में पानी भरने से छुट्टी कर दी गई है। प्रशासन नावों की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहा है।

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    प्राणपुर के निचले इलाके में घुसा गंगा व महानंदा का पानी। जागरण फोटो

    संवाद सूत्र, प्राणपुर(कटिहार)। प्रखंड के एक दर्जन गांवों में गंगा और महानंदा नदी का पानी पूरी तरह प्रवेश कर गया है। दोनों नदियों के घटते-बढ़ते जलस्तर के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह भंग हो गया है।

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    ग्रामीणों का आवागमन का एक मात्र साधन नाव ही रह गया है। कुछ गांवों में सरकारी स्तर से नाव की व्यवस्था कराई गई है। लेकिन अब तक कई गांवों में नाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    गंगा का पानी प्रवेश करने से दर्जनों किसानों के खेतों में लगे अगहनी धान की फसल पूरी तरह डूब गया है। प्रखंड उप प्रमुख मो रफीक, सहजा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो. जहांगीर, उत्त्तरी लालगंज पंचायत के मुखिया तनवीर अहमद मो. अख्तर, मो नसीम, अब्दुल मतीन, मो. शाहीन सहित कई ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से समुचित संख्या में नाव व सूखा राशन की व्यवस्था कराने की मांग की है।

    वहीं, किसानों ने बताया कि गर्मा धान फसल बर्बाद होने से उनकी उम्मीदों पर पानी फेर गया है। अब उन्हें साहूकार से ब्याज पर लिए पैसे को लौटाने एवं परिवार का भरण पोषण करने की चिंता सताने लगी है। प्राणपुर के आधा दर्जन स्कूल के चारों तरफ बाढ़ का पानी फैल गया है।

    तत्काल स्कूल से बच्चों की छुट्टी कर दिया गया है। साहजा पंचायत के भकुरिया, पोखर टोला, नया टोला, बंगा टोला, उत्तरी लालगंज पंचायत के वार्ड संख्या दो और तीन बगुरूवा पश्चिम टोला, केहुनियां पंचायत के बैनाल, चिकनी टोला सहित कई गांवों के चारों तरफ बाढ़ का पानी फैल गया है।

    इस संबंध में अंचलाधिकारी शिखा कुमारी ने बताया कि जिन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। वैसे गांवों में ग्रामीणों की आवागमन को लेकर नाव की व्यवस्था कराई जा रही है। सभी कर्मचारियों को बाढ़ ग्रसित गांव को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है।

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