आसमान से गिरेंगे उर्वरक और कीटनाशक, ड्रोन से होगा छिड़काव, पहले करना होगा ऑनलाइन आवेदन
Agriculture News अब जैविक व रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक दवा के छिड़काव में किसानों को सहायता मिलेगी। मानव रहित ड्रोन का उपयोग करने की स्वीकृति पौधा संरक्षण विभाग को मिल गई है। विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद ड्रोन उपलब्ध कराकर विशेषज्ञों के माध्यम से छिड़काव कराया जाएगा। हालांकि इसके लिए पहले आवेदन कराना होगा।
संवाद सहयोगी, कटिहार। चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 2023-24 के लिए जिले में कृषि कार्य को लेकर मानव रहित ड्रोन का उपयोग करने की स्वीकृति पौधा संरक्षण विभाग को मिल गई है।
जिले में पहली बार रबी फसल में जिले के किसान सरकार द्वारा अनुदानित दर पर खेत में लगी फसल में ड्रोन के माध्यम से जैविक व रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक दवा छिड़काव कर सकेंगे।
करना होगा ऑनलाइन आवेदन
उद्यानिक फसल आम लीची में भी रोग से बचाव को लेकर छिड़काव कराया जाएगा। एक किसान को अधिकतम 10 हेक्टेयर तक के लिए यह सुविधा दी जाएगी। रजिला पौधा संरक्षण विभाग के द्वारा इसको लेकर किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा।
विशेषज्ञों के माध्यम से कराया जाएगा छिड़काव
आवेदन प्राप्त होने के बाद विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद ड्रोन उपलब्ध कराकर विशेषज्ञों के माध्यम से छिड़काव कराया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक, प्राप्त आवेदन के आधार पर विभाग से ड्रोन की मांग की जाएगी।
कोई भी किसान अपने खेत में लगे आम, लीची व उद्यानिक फसल में रोग से बचाव को लेकर ड्रोन से छिड़काव का लाभ उठा सकते है। इससे किसानों को कम खर्च के साथ उर्वरक का बचाव सहित फसल में एक समान खाद व कीटनाशक का छिड़काव होने से उत्पादन बेहतर होगा।
रबी सीजन में किसान अपने खेत में लगी फसल में उर्वरक व फसल को रोग से बचाव को लेकर कीटनाशक दवा का छिड़काव मानव रहित ड्रोन के माध्यम से कराने को लेकर आवेदन कर सकते है। विभाग द्वारा अनुदानित दर पर इसका छिड़काव विशेषज्ञ की देखरेख में होगा। इस योजना के तहत जिला पौधा संरक्षण को विभाग द्वारा आवेदन की संख्या के अनुसार ड्रोन पटना से उपलब्ध कराया कराया जाएगा। - रोमी कुमारी, जिला पौधा संरक्षण पदाधिकारी,कटिहार।
उर्वरक व कीटनाशक दवा खुद करानी होगी उपलब्ध
राज्यस्तरीय कमिटि द्वारा निर्धारित छिड़काव शुल्क का 50 प्रतिशत अधिकतम 250 रुपये प्रति एकड़ अनुदान देय होगा, जिसमे अधिकतम 10 एकड़ के लिए प्रति किसान 2500 रुपये अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग में 20 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग में 1.4 प्रतिशत अनुदान निर्धारित है।
किसानों को छिड़काव के लिये उर्वरक व कीटनाशक दवा स्वयं उपलब्ध कराना होगा। अधिक आवेदन मिलने पर पहले आओ पहले पाओं के आधार पर किसानों का चयन कर छिड़काव कराया जाएगा।
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