Dragon Fruit से चमकेगी किसानों की किस्मत! कम लागत में कर रहे मोटी कमाई, एक साल में तीन बार होता है फल
बिहार में अब किसान परंपरागत खेती से इतर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने लगे हैं। किसान इसमें काफी मुनाफा भी कमा रहे हैं। किसानों का कहना है कि इसमें लागत कम है और कमाई काफी ज्यादा है। स्थानीय किसान बड़े शहरों में भी इसकी बिक्री कर रहे हैं। इस फल का बाजार भाव 400 से 600 रुपये प्रतिकिलो तक है।

संवाद सूत्र, समेली (कटिहार)। मखाना की खेती के अतिरिक्त किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर आर्थिक समृद्धि का द्वार खोल रहे हैं। समेली प्रखंड के चांदपुर गांव के किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। किसान प्रणव पोद्दार ने अधिक मुनाफा देख ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। हालांकि, वे अभी महज एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।
प्रणव ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट से मुनाफा अधिक होता है। ड्रैगन फ्रूट में पौष्टिक तत्व होने के साथ ही इसका औषधीय महत्व भी है। स्थानीय किसान बड़े शहरों में भी इसकी बिक्री कर रहे हैं। इस फल का बाजार भाव 400 से 600 रुपये प्रतिकिलो तक है। चांदपुर गांव में आधा दर्जन किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।
प्रति एकड़ आता है 6 लाख का खर्च
पहली बार लगाने पर प्रति एकड़ छह लाख तक का खर्च आता है। दूसरे वर्ष इसकी खेती की लागत एक चौथाई तक आती है। एक बार पौधा लगाने पर डेढ़ दशक से अधिक समय तक इसमें फलन होता है। एक कट्ठा में 30 से 40 हजार तक मुनाफा होता है। जबकि किसान ड्रैगन फ्रूट का पौधा 120 से 125 रुपये में खरीदते हैं। इसे 10-10 फीट की दूरी पर लगाया जाता है।
एक वर्ष में तीन बार होता है फल
फूल आने के बाद सवा से डेढ़ महीने में फल तैयार हो जाता है। एक फल का वजन औसतन 300 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक होता है। फल टूटने के बाद पुनः फूल लगना शुरू होता है। एक वर्ष में तीन बार फलन होता है।
किसान सलाहकार शंभू कुमार मंडल ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए तापमान सामान्य व दोमट तथा बालू मिश्रित जमीनकी आवश्यकता होती है। यहां की मिट्टी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त है। प्रखंड क्षेत्र के कई किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।

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