बिहार की इस सीट पर सात बार कांग्रेस ने लहराया परचम, आंकड़ों से जानें BJP-JDU का कैसा रहा हाल
Bihar Political बिहार में कटिहार लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 2014 में जदयू और भाजपा अलग-अलग चुनाव मैदान में रही तो एनसीपी के प्रत्याशी तार ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कटिहार। Bihar Political News कटिहार लोकसभा क्षेत्र की गिनती कांग्रेस (Congress) की चंद परंपरागत सीटों में होती है। लेकिन, 1998 के बाद हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा-जदयू (BJP-JDU) की जोड़ी का काट किसी दल या गठबंधन के पास नहीं दिखी।
2014 में जदयू और भाजपा अलग-अलग चुनाव मैदान में रही तो एनसीपी के प्रत्याशी तारिक अनवर लोकसभा पहुंचे। भाजपा के निखिल कुमार चौधरी 1999, 2004 और 2009 में तारिक अनवर को हराते रहे। 2019 में यह सीट भाजपा से जदयू के हिस्से में आ गई और दुलाल चंद्र गोस्वामी जीते।
इस बार भी जदयू से दुलाल चंद्र गोस्वामी मैदान में हैं। महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस को दी गई है। प्रत्याशी की घोषणा अभी शेष है, लेकिन इस सीट से पांच बार सांसद रहे तारिक अनवर रेस में सबसे आगे हैं। संसदीय क्षेत्र की वस्तुस्थिति पर नीरज कुमार व प्रदीप गुप्ता की रिपोर्ट।
पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत था सबसे अधिक
पिछले लोकसभा चुनाव में 68 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह राज्य में सर्वाधिक था। लोकसभा क्षेत्र में जिले की कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी तथा बरारी विधानसभा सीटें शामिल हैं।
कटिहार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सात बार, भाजपा तीन, जनता दल दो तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय जनसंघ, जदयू और भारतीय लोक दल एक-एक बार चुनाव जीत चुकी है।
तारिक अनवर 17 में 12 बार रहे हैं सीधे मुकाबले में
इस सीट पर 1957 से अबतक 17 बार लोकसभा का चुनाव हुआ है, इसमें तारिक अनवर पांच बार सांसद बने और सात बार दूसरे स्थान पर रहे। 1977 में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी बने थे।
कांग्रेस को इस सीट पर पहला झटका 1971 में जनसंघ के प्रत्याशी ज्ञानेश्वर प्रसाद यादव ने दिया था। सीमांचल की इस सीट पर 42 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।
2019 का चुनाव परिणाम (प्रतिशत में)
- दुलाल चंद्र गोस्वामी (जदयू) : 50.49
- तारिक अनवर (कांग्रेस) : 44.9
- अन्य : 4.61
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