बिहार का वो मंदिर जहां माता की अनुमति से होता है कलश का विसर्जन, शेर शाह सूरी से भी कनेक्शन
बरारी का भगवती मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। नवरात्रि में सजावट भक्तों को आकर्षित करती है। किंवदंती है कि नरसिंह सिंह ने बलि प्रथा का विरोध किया जिसके बाद यह बंद हो गई। दुर्गा पूजा में कलश विसर्जन माता की अनुमति से होता है। दरभंगा महाराज ने मंदिर को जमीन दान की थी और शेरशाह सूरी के सेनापति ने यहां जीत की मन्नत मांगी थी।

मंदिर का इतिहास:
मंदिर की विशेषता
बंगाल फतह को ले शेर शाह सूरी के सेनापति ने मांगी थी जीत की मन्नत
माता की अलौकिक शक्तियों क जितनी भी बखान किया जाए कम है। - विश्वजीत भगवती उर्फ पंकज यादव, सचिव, मंदिर प्रबंध समिति।
यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद माता पूरी करती है। जब तक फुलाईश नहीं होता है तब तक मां की पूजा जारी रहती है। - बबलू झा, पुजारी
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