अतिक्रमण हटाने के बाद दरौली गांव के लोगों की परेशानी बढ़ी
जिले के सबसे बड़े तालाबों में शुमार प्रखंड के दरौली स्थित तालाब के पिड पर किए गए अतिक्रमण को रविवार की देर रात तक प्रशासन ने जेसीबी से हटवा दिया।
संवाद सूत्र, नुआंव: जिले के सबसे बड़े तालाबों में शुमार प्रखंड के दरौली स्थित तालाब के पिड पर किए गए अतिक्रमण को रविवार की देर रात तक प्रशासन ने जेसीबी से हटवा दिया। इस दौरान लगभग 75 से अधिक अतिक्रमणकारियों के कच्चे पक्के मकान ध्वस्त हो गए। प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई की चर्चा सोमवार को भी पूरे क्षेत्र में होती रही। इस तालाब की पिड पर अतिक्रमण करने वालों को आज अपनी गलती का एहसास तो जरूर हो रहा है, लेकिन प्रशासन की असमय की गई कार्रवाई पर नाराजगी भी है। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रशासन को कम से कम बरसात का समय बीतने के बाद ही करनी चाहिए थी। यहां जितने लोगों ने अतिक्रमण किया था उसमें अधिकांश भूमिहीन है। ऐसे में फिलहाल वे कहां घर बनाएंगे। पूरी बरसात उनके लिए छत नहीं होगी, तो क्या कष्ट होगा इसको प्रशासन नहीं समझ रहा यह आश्चर्य की बात है। लोग तो कहीं गुजर बसर कर लेंगे, लेकिन मवेशियों को कहां रखेंगे। उनके लिए जो चारा रखा गया था सब मलबे में दब कर खराब हो गया। घर का सामान भी जहां तहां रखा गया है। यदि बारिश हुई तो सामान भी बर्बाद होगा।
क्या कहते हैं लोग :
फोटो नंबर- 17
हम भूमिहीन हैं। इस जगह को छोड़कर अन्य कहीं ठिकाना नहीं है। घर गिरने से सबसे अधिक परेशानी जानवरों को हो रही है। उनके लिए रखा गया चारा खराब हो गया है।
जन्नत अंसारी
फोटो नंबर- 18
अतिक्रमण हटाया गया है वह तो ठीक है लेकिन इसके लिए गलत समय का रखा गया। प्रशासन को कम से कम बरसात का मौसम बीतने का इंतजार करना चाहिए था।
आलिम अंसारी
फोटो नंबर- 19
कुछ जमीन है। लेकिन वह खेती करने लायक है। वहां घर नहीं बनाया जा सकता। आवास के लिए कोई जमीन नहीं है। मवेशी लेकर अब कहां जाएं।
ईसा अंसारी
फोटो नंबर- 20
मैं भूमिहीन हूं। उन्होंने कहा कि यह दिन देखने से तो अच्छा था मर जाना। लगभग 50 वर्षों से हमलोग यहीं रह रहे थे। अब समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए और कहां जाएं।
कलामुद्दीन धोबी