दवा कंपनी के मालिक योग से हुए निरोग
जमुई। योग साधना हिन्दुस्तान की संस्कृति का सिर्फ महत्वपूर्ण हिस्सा ही नहीं बल्कि लोगों को निरोग रखने का महत्वपूर्ण साधन भी है यह सभी जानते हैं।
जमुई। योग साधना हिन्दुस्तान की संस्कृति का सिर्फ महत्वपूर्ण हिस्सा ही नहीं बल्कि लोगों को निरोग रखने का महत्वपूर्ण साधन भी है यह सभी जानते हैं। आए दिन योग से रोग भगाने की खबरें सुनी जाती रही है। जमुई में भी योग के माध्यम से रोग दूर करने के लिए स्वामी निरजानंद योग आश्रम वर्षों से प्रयासरत है। यहां देश और विदेश से कई लोग जटिल रोग से ग्रसित होकर आते हैं और फिर भला चंगा होकर लौटते हैं। हाल में मेडिकल के क्षेत्र में चर्चित हस्ती विद्या सागर को जब पटना और दिल्ली के बड़े-बड़े डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद भी चलने-फिरने लायक बनने की गारंटी लेने से मना कर दिया। तब विद्यासागर किसी मित्र की सलाह पर जमुई योग केन्द्र आए थे। 17 दिनों के योग से वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए। उन्होंने बताया कि पहले वह चलने से लाचार थे। बाद में गर्दन का मूवमेंट बंद हो गया। योग चिकित्सा के बाद वह खुद से गाड़ी चलाकर पटना पहुंचे। अब तो वे स्वयं ही लोगों को योग का टिप्स देने लगे हैं। मूल रूप से नालंदा जिला के एकंगरसराय थाना क्षेत्र अंतर्गत अदिलपुर गांव निवासी एक बड़ी दवा कंपनी के मालिक विद्यासागर मुन्ना को एल फोर एवं एल फाइव कंप्रेस्ड था। उनका इलाज पटना के डॉ. विश्वेन्द्र, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मुखोपाध्याय एवं इंडियन स्पाइनल इंज्यूरी हास्पिटल नई दिल्ली में होने के बाद हर जगह सर्जरी की सलाह मिली थी। ऐसे ही रोगियों में जमुई के महिसौड़ी निवासी विजय ¨सह के दामाद गगन ¨सह का नाम शामिल है। वे फिल्म इंडस्ट्रीज में इंटीरियर डिजाइनर हैं। अस्थामा रोग ऐसा कि जून महीने में गर्म पानी का इस्तेमाल करते थे। योग चिकित्सा पद्धति ने उन्हें निरोग कर दिया। निरंजनानंद योग केन्द्र के स्वामी आत्मस्वरूपानंद कहते हैं कि जटिल रोग से ग्रसित विद्या सागर और गगन जैसे तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा लोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं। वैसे निरोग व्यक्ति के लिए भी योग आवश्यक है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होती है।