Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बिहार के उभरते खिलाड़ियों को बड़ा तोहफा, 1 जनवरी से खुलेगा 'सक्षम और प्रेरणा' योजना का पोर्टल

    By ManikantEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 06:45 PM (IST)

    बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने 'सक्षम और प्रेरणा' योजना की घोषणा की, जिसका पोर्टल 1 जनवरी से खुलेगा। यह योजना राज्य के खेल प्रतिभाओं को स्पॉन्सरश ...और पढ़ें

    Hero Image

    बिहार सरकार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह

    संवाद सहयोगी, जमुई। बिहार सरकार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं को पहचान देने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सरकार बड़ी पहल कर रही है। इसी कड़ी में सक्षम और प्रेरणा नाम से नई योजना लाई जा रही है, जिसका पोर्टल 1 जनवरी से खुलेगा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने बताया कि विभिन्न खेलों में सक्रिय बच्चों को अलग-अलग स्तर पर स्पॉन्सरशिप और स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जाएगी। बिहार देश का पहला राज्य होगा जो इस तरह की योजना के माध्यम से अपने उभरते खिलाड़ियों को सशक्त बनाने जा रहा है।

    खिलाड़ियों को मिलेगी आर्थिक सहायता

    मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण और अन्य जरूरी संसाधनों के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। खिलाड़ी अपनी आवश्यकता के अनुसार इस राशि का उपयोग कर सकेंगे। 

    उन्होंने कहा कि बिहार में ओलंपिक स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए खेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित की जा रही है। भागलपुर में बैडमिंटन की बड़ी एकेडमी का निर्माण कार्य जारी है, वहीं बांका के ओढ़नी डैम पर वॉटर स्पोर्ट्स एकेडमी स्थापित की जाएगी, जिसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। जैसे राजगीर में हॉकी के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले होते हैं, उसी तरह यहां वॉटर स्पोर्ट्स की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा सकेंगी।

    68 एकलव्य विद्यालय खोलने का प्रस्ताव 

    श्रेयसी सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश के खेल विभाग द्वारा स्थापित एकेडमियों का मॉडल सराहनीय है और बिहार में भी उस मॉडल को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। पूरे राज्य में 68 एकलव्य विद्यालय खोलने का प्रस्ताव है, जिनमें से 12 संचालित हैं और इस वित्तीय वर्ष में सभी विद्यालयों में संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

    नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने उन्हें जनादेश नहीं दिया, इसी कारण वे राज्य से बाहर रहते हैं। जो नेता जमीन से जुड़े नहीं रहते और जनता से संवाद नहीं रखते, जनता उन्हें नकार देती है। विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष का देश से बाहर रहना उचित संकेत नहीं है। शादी से जुड़े सवाल पर उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि सही व्यक्ति मिलते ही शादी भी हो जाएगी।