Jamui News: राजस्व महाअभियान की तिथि समाप्त, आधे रैयत कागजात जमा करने से रह गए वंचित
जमुई जिले के चकाई प्रखंड में राजस्व महाअभियान की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कई किसान आवेदन जमा करने से वंचित रह गए हैं। लगभग 50% किसान ही आवेदन कर पाए हैं। किसानों ने सरकार से समय सीमा बढ़ाने और पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित करने की मांग की है। अंचलाधिकारी ने बताया कि 22600 आवेदन प्राप्त हुए हैं और सरकार के निर्देश का इंतजार है।

संवाद सूत्र, चंद्रमंडी (जमुई)। सरकार द्वारा जमीन के कागजात में हुई त्रुटियों के सुधार के लिए चलाए गए राजस्व महाअभियान की तिथि समाप्त हो जाने के बाद भी बड़ी संख्या में रैयत आवेदन जमा करने से वंचित रह गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, चकाई प्रखंड में अब तक केवल 50 प्रतिशत रैयत ही इस अभियान के तहत आवेदन जमा कर पाए हैं, जबकि शेष 50 प्रतिशत लोग इससे वंचित रह गए।
सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा 20 सितंबर को समाप्त हो गई। अंचल कार्यालय के अनुसार, इस महाअभियान में अब तक 22,600 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका ऑनलाइन कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद प्रतिदिन बड़ी संख्या में रैयत आवेदन जमा करने की मांग को लेकर अंचल कार्यालय पहुंच रहे हैं।
बुधवार को अंचल कार्यालय के समीप पहुंचे बेहरा गांव के सुरेश यादव, सरसा गांव के सरयू यादव, मतेडीह के भिखारी यादव, सपहा के सोनू सोरेन, बरमोरिया के राजा सोरेन और छोटकी थाड़ी के चाकू सोरेन सहित कई लोगों ने बताया कि वे कागजात समय पर जमा नहीं कर पाए।
उनका कहना था कि आवश्यक कागजात जुटाने में ही काफी समय लग गया और जब तक दस्तावेज तैयार हुए, तब तक अंतिम तिथि समाप्त हो गई। अंतिम समय में अंचल कार्यालय में अत्यधिक भीड़ होने से भी आवेदन जमा करने में कठिनाई हुई। ग्रामीणों ने सरकार से राजस्व महाअभियान की तिथि बढ़ाने और पंचायत स्तर पर शिविर लगाने की मांग की है, ताकि सभी लोग इस अभियान का लाभ ले सकें।
उनका कहना है कि सरकार द्वारा दी गई समय सीमा बहुत कम थी, जिसके कारण कई लोग कागजात नहीं जुटा पाए। इस बाबत अंचलाधिकारी राजकिशोर साह ने बताया कि अभियान के तहत प्राप्त 22,600 आवेदनों का ऑनलाइन किया जा रहा है। फिलहाल, सरकार की ओर से तिथि बढ़ाने संबंधी कोई निर्देश नहीं मिला है। यदि आगे तिथि बढ़ाई जाती है तो रैयतों से आवेदन फिर से स्वीकार किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवेदन उन्हीं रैयतों को जमा करना था, जिनके जमीन कागजात में त्रुटियां थीं, लेकिन इस अभियान के दौरान कई ऐसे लोगों ने भी आवेदन कर दिया जिनके कागजात पूरी तरह सही थे।
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