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    Jamui News: आखिर क्यों बुरी तरह फंसे जमुई के DEO? गिर सकती है कार्रवाई की गाज; वजह भी आई सामने

    Updated: Sat, 11 Jan 2025 06:31 PM (IST)

    Jamui News जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड पटना में पदस्थापित रहते हुए बिना बोर्ड के अनुमोदन के निर्णय लिए। उन पर नियम विरुद्ध वेतन भुगतान और नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप है। बिहार के राज्यपाल ने इन आरोपों को सत्य माना और राजेश कुमार के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया है।

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    जमुई के डीईओ के खिलाफ एक्शन की तैयारी (जागरण)

    संवाद सहयोगी, जमुई। Jamui News: अपने निर्णय को लेकर चर्चा में रहने वाले जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार शुक्रवार को कार्रवाई की जद में आ गए हैं। यह मामला तब का है जब वो बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना में पदस्थापित थे।

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    क्यों हो रही जमुई के डीईओ पर कार्रवाई?

    उन पर यह आरोप है कि बिना बोर्ड के अनुमोदन के ही अपने स्तर से निर्णय लेते हुए अजय कुमार एवं श्वेता कुमारी की नियुक्ति का अनुमोदन प्रदान किया था।

    साथ ही नियम विरुद्ध वेतन भुगतान का आदेश देना और नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप है। इन आरोपों को सत्य मान कर बिहार के राज्यपाल द्वारा इस मामले पर संज्ञान लिया गया है।

    इसके पश्चात बिहार के राज्यपाल के आदेश से निदेशक (प्रशासन)-सह-अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी द्वारा जमुई डीईओ राजेश कुमार के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।

    राजेश कुमार के विरूद्ध बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियमावली-2005 के नियम 17/19 के तहत विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।

    जमुई के डीईओ राजेश कुमार के खिलाफ एक्शन की तैयारी

    महामहिम राज्यपाल के आदेश में यह कहा गया है कि जमुई के डीईओ राजेश कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के संचालन के लिए पंकज कुमार, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा, शिक्षा विभाग को संचालन पदाधिकारी एवं उपेन्द्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक, संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना को उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया जाता है।

    साथ ही संचालन पदाधिकारी निर्धारित तीन माह के अन्दर विहित प्रक्रियाओं का अनुसरण करते हुए विभागीय कार्यवाही संपन्न कर विहित प्रपत्र में जांच प्रतिवेदन समर्पित करेगें। राजपाल द्वारा आदेश निर्गत किए जाने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है।

    विभाग के पदाधिकारी के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं

    मालूम हो कि बीते दिनों जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार ने स्थापना डीपीओ के उस पत्र पर भी रोक लगा दी थी, जिसके माध्यम से मध्याह्नन भोजन योजना के अंतर्गत एक दर्जन से अधिक विद्यालय प्रधान पर एमडीएम में अनियमितता के मामले पर राशि वसूली की जानी थी।

    फिलहाल बीते एक सप्ताह के अंदर शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी के बीच मनमुटाव तथा अपने पद का शक्ति प्रदर्शन कर विभाग के कमरों से बाहर आ चुका है। जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार द्वारा कई बार अपने अधीनस्थ पदाधिकारी पर अपने पद की शक्ति का दिखावा किया जा चुका है।

    फिलहाल अब देखना है कि कब तक जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार पर प्रपत्र गठित होता है और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होती है।

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