Train Accident: ट्रैक में दरार, कपलिंग या साजिश; जमुई में कैसे पलट गई मालगाड़ी?
जमुई के टेलवा पुल पर मालगाड़ी दुर्घटना के चार दिन बाद भी कारण स्पष्ट नहीं। जांच समिति रेलवे ट्रैक की स्थिति, बोगियों की कपलिंग टूटने, और शरारती तत्वों ...और पढ़ें

जमुई रेल हादसे के बाद का दृश्य़। फोटो जागरण
सत्यम कुमार सिंह, झाझा (जमुई)। पटना-हावड़ा रेलखंड के टेलवा पुल सं. 676 के समीप हुई मालगाड़ी दुर्घटना ने रेलवे से लेकर पुलिस प्रशासन तक को चिंतित कर रखा है। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी दुर्घटना के कारणों का आधिकारिक खुलासा नहीं हो पाया है।
हालांकि, जांच समिति की पड़ताल तीन प्रमुख बिंदुओं के इर्द-गिर्द घूम रही है। 1रेलवे ट्रैक की स्थिति, मालगाड़ी की बोगियों की कपलिंग का टूटना अथवा खुलना तथा शरारती तत्वों की संभावित भूमिका। जांच टीम इस मामले को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों से गोपनीय रूप से बातचीत कर रही है।
इस बीच दो रेल पटरियों के ज्वाइंट के बीच अधिक दरार तथा बोगियों की कपलिंग खुलने की चर्चाएं भी सामने आ रही हैं। यदि यह तथ्य सही पाए जाते हैं, तो पीडब्ल्यूआइ (स्थायी मार्ग निरीक्षक) और कैरेज एंड वैगन विभाग पर कार्रवाई की संभावना बढ़ सकती है।
कैसे मुड़ गया रेलवे ट्रैक?
बताया जा रहा है कि जोरदार झटके के बाद बोगियों को जोड़ने वाली कपलिंग टूट गई और रेल ट्रैक मुड़ गया, जिसके बाद एक-एक कर कई बोगियां पटरी से उतर गईं।
हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन अंदरखाने इसकी चर्चा जोरों पर है। मालगाड़ी दुर्घटना ने आसनसोल डिवीजन के अधिकारियों और कर्मचारियों को मंथन के लिए मजबूर कर दिया है।
रेल ट्रैक की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूआइ के अधीन होती है, इसलिए विभाग को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड और आसनसोल डिवीजन के अधिकारी फिलहाल जांच में जुटे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी खुलकर कुछ कहने से बच रहे हैं।
क्या कहते हैं रेल एक्सपर्ट
रेल विशेषज्ञों के अनुसार, दो रेल पटरियों के जोड़ के बीच यदि दो से तीन इंच तक का गैप हो तो आमतौर पर दुर्घटना नहीं होती, लेकिन यदि यह पांच इंच से अधिक हो जाए तो दुर्घटना की संभावना काफी बढ़ जाती है।
ठंड के मौसम में रेल पटरियों के सिकुड़ने और टूटने की आशंका भी बनी रहती है। बताया जाता है कि जब मालगाड़ी पुल पर चढ़ी और इंजन के साथ चार बोगियां पुल पार कर चुकी थीं, तभी चालक को तेज झटका महसूस हुआ। इसके बाद बोगियों की कपलिंग टूट गई और ट्रैक मुड़ गया, जिससे कई बोगियां पटरी से उतर गईं।
100 मीटर ट्रैक को हुआ नुकसान
चालक और गार्ड से पूछताछ में भी झटका लगने और कपलिंग टूटने की बात सामने आई है। मालूम हो कि 27 दिसंबर की रात करीब 11:15 बजे मालगाड़ी टेलवा पुल पर पहुंची थी। कुछ बोगियों के गुजरते ही तेज झटका लगा और कई बोगियां पटरी से नीचे उतर गईं।
इससे पुल की दोनों लाइनों के अलावा अप और डाउन लाइन के लगभग 100-100 मीटर ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। पुल पर अप लाइन का ट्रैक भी मुड़ा हुआ पाया गया।
इस संबंध में आसनसोल के पीआरओ विप्लव बाउरी ने बताया कि दुर्घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। तकनीकी कारणों की जानकारी जांच पूरी होने के बाद सार्वजनिक की जाएगी।

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