खाकी का रौब या कानून की सीमा? बिहार में जांच के दौरान युवकों की पिटाई का आरोप, वीडियो वायरल
बिहार के जमुई जिले के झाझा में पुलिस द्वारा जांच के दौरान युवकों की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, जमुई। पुलिस की वर्दी आम नागरिकों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की प्रतीक मानी जाती है, लेकिन जब यही वर्दी अपनी मर्यादा लांघ दे तो सवाल खड़े होना लाजमी है। जमुई जिले के झाझा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां जांच के दौरान एक पुलिस अवर निरीक्षक पर युवकों के साथ मारपीट और गाली-गलौज किया गया।
इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि, वायरल वीडियो की पुष्टि दैनिक जागरण नहीं करता। घटना झाझा के कर्पूरी चौक की बताई जा रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कुछ युवक एक चाय की दुकान पर रुके हुए हैं। इसी दौरान पुलिस की एक गाड़ी वहां आकर रुकती है और पुलिस कर्मी उतरकर युवकों की तलाशी लेने लगते हैं।
इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस अवर निरीक्षक अजय पांडेय अचानक आक्रोशित हो गए और एक युवक पर थप्पड़ों की बौछार कर दी। वीडियो में यह भी सुना जा सकता है कि दारोगा द्वारा एक-एक कर लगभग 25 गालियां दी गई। मार खा रहा युवक रोते हुए माफी मांगता भी सुनाई देता है और कहता है कि उससे गलती हो गई है।
स्टेशन से लौट रहे थे युवक, बेल्ट पूछने पर भड़का विवाद
वीडियो में दिख रहे युवकों की पहचान झाझा के सोहजना निवासी नीतीश कुमार गोस्वामी, संतोष कुमार गोस्वामी, डब्लू शर्मा तथा पवन साव के रूप में हुई है। युवकों का कहना है कि वे सभी झाझा स्टेशन पर नाश्ता और अंडा बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। रोज की तरह मंगलवार की रात भी वे दुकान बंद कर बाइक से घर लौट रहे थे।
ठंड लगने पर वे कर्पूरी चौक स्थित एक चाय दुकान पर रुक गए, तभी झाझा थाना के पुलिस अवर निरीक्षक अजय पांडेय वहां पहुंचे और जांच शुरू की। युवकों के अनुसार, तलाशी के दौरान उनमें से एक ने सिर्फ इतना पूछा कि क्या उसे बेल्ट भी उतारनी पड़ेगी?
इसी सवाल पर एसआई अजय पांडेय कथित तौर पर आगबबूला हो गए और गाली-गलौज के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस बाबत पुलिस अवर निरीक्षक अजय पांडेय ने बताया कि युवक ने बेल्ट को लेकर आपत्तिजनक इशारा किया था, जिससे उन्हें गुस्सा आ गया।
उन्होंने कहा कि मौके पर दो महिला सिपाही मौजूद थीं और युवकों ने जान-बूझकर उनके सामने बदसलूकी की। हालांकि, वीडियो में जिस तरह की भाषा और व्यवहार पुलिस अधिकारी द्वारा किया गया, वह स्वयं पुलिस की भाषाई और संवैधानिक मर्यादा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। फिलहाल, अब यह देखना अहम होगा कि कानून के रखवाले पर लगे इन आरोपों में प्रशासन कितना सख्त कदम उठाता है।
मामले की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है। अगर एसआइ की गलती सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी। - विश्वजीत दयाल, पुलिस अधीक्षक, जमुई

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