Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार के एक और जिले में दिखेगा रोपवे, 24 करोड़ की लागत से निर्माण शुरू; आसपास के इलाकों को भी किया जा रहा विकसित

    By Dheeraj kumarEdited By: Mukul Kumar
    Updated: Mon, 16 Dec 2024 05:44 PM (IST)

    भारत में पर्यटन एक प्रमुख सेवा उद्योग है जो देश की विविध संस्कृति इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करता है। बिहार में भी कई आकर्षक पर्यटन स्थल हैं जिनमें बोध गया और राजगीर प्रमुख हैं। जहानाबाद के वाणावर में भी पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं और बिहार सरकार इसे पर्यटक सर्किट से जोड़ने के लिए काम कर रही है।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है। यहां कलात्मक, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर दर्शनीय स्थलों व कृतियों की कमी नहीं है। यही लोभ हजारों मील दूर रहने वाले विदेशी को यहां खींच लाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देशी पर्यटक भी बड़ी तादाद में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैले देश के विभिन्न पर्यटन केंद्रों पर देखे जा सकते हैं। बिहार में भी कई पर्यटक स्थल आकर्षण का घर है।

    दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। बोध गया व राजगीर के बाद पर्यटक जहानाबाद के वाणावर भी आएं, इसके लिए बिहार सरकार लगातार काम कर रही है। इसी उद्देश्य से वाणावर को पर्यटक सर्किट से जोड़ा गया। 2013 से प्रति वर्ष सर्दी के मौसम में वाणावर महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया।

    वाणावर हाल्ट, पहाड़ी इलाका में पर्यटन थाना, अतिथि गृह, म्यूजियम,श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला, पहाड़ी इलाके को जोड़ने के लिए चारों तरफ से सड़क, सड़क किनारे एलइडी लाइट के बाद रोपवे का निर्माण कार्य शुरू है। 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।

    बिहार आने वाले पर्यटकों को राजगीर के बाद जहानाबाद में दूसरा रोपवे मिलेगा। पातालगंगा तथा गऊघाट दोनों ओर से 100 फीट ऊंचे पहाड़ की चोटी तक सुगमता पूर्वक पहुंचने के लिए 24 करोड़ की लागत से रोपवे का निर्माण हो रहा है। चार जगहों पर पर्वतीय रिसार्ट का निर्माण प्रस्तावित है।

    इसके अलावा पर्यटन विभाग ने पर्यटक स्थलों के आसपास होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना शुरू की है। वाणावर में आसपास के ग्रामीण घरों को होटल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

    इससे न केवल पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति, खान-पान और जीवनशैली का अनुभव मिलेगा, बल्कि ग्रामीणों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। ग्रामीण अपने घरों को होटल की तर्ज पर विकसित कर पर्यटकों से निर्धारित रेट वसूल सकते हैं।

    क्यों खास है वाणवर

    वाणावर, जिसे मगध का हिमालय भी कहा जाता है, आस्था और इतिहास के संगम का एक बहुमूल्य धरोहर है। यहां मानव निर्मित कुल सात मौर्यकालीन गुफाएं और सातवीं सदी में बना बाबा सिद्धनाथ मंदिर है। चार गुफाएं वाणवर और तीन पास में ही नागार्जुन की पहाड़ियों पर है।

    इसका निर्माण मगध के महान सम्राट अशोक के आदेश पर आजीवक संप्रदाय के बौद्ध भिक्षुओं के रहने के लिए किया गया था। सभी गुफाओं के अलग-अलग नाम हैं। इनमें कर्ण चौपर, सुदामा और लोमस ऋषि गुफा काफी प्रसिद्ध हैं। गुफाओं के प्रवेश द्वार पर सम्राट अशोक द्वारा अंकित अभिलेख हैं।

    बाबा सिद्धनाथ मंदिर के बारे में जानकार बताते हैं कि इसका निर्माण राजगीर के महान राजा जारसंध द्वारा कराया गया था। यहां से एक गुप्त मार्ग राजगीर किले तक पहुंचा था, जिस रास्ते से राजा पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में आते-जाते थे। पहाड़ी के नीचे विशाल जलाशय पातालगंगा है, जहां स्नान कर मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती थी।

    वाणवर में न केवल पहाड़ और जंगल हैं, बल्कि औषधीय पौधे और लौह अयस्क के भी भंडार हैं। यहां की वादियां पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। पहाड़ी में राक पेंटिंग का अद्भुत नमूना भी है, जो पर्यटकों को आश्चर्य से भर देती है।

    यह भी पढ़ें-

    'घर बनाना है तो 5 लाख दो वरना काम बंद', हाजीपुर में रंगदारी के लिए ITBP जवान पर चली ताबड़तोड़ गोली; हालत गंभीर

    Jamin Survey: जमीन मालिकों की फिर बढ़ गई टेंशन! अब एक नए काम के लिए लगाने होंगे ब्लॉक के चक्कर, ये है नया निर्देश

    comedy show banner