'अमित शाह ने मेरे बेटे से वादा किया था...', मांझी ने खेला नया सियासी दांव; NDA में हलचल तेज
जीतन राम मांझी ने जहानाबाद में कहा कि अमित शाह ने उनके बेटे संतोष सुमन को राज्यसभा सीट देने का वादा किया था। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे ...और पढ़ें

जीतन राम मांझी और अमित शाह।
जागरण संवाददाता, जहानाबाद। पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने जहानाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्यसभा सीट को लेकर बड़ा बयान दिया है।
शकुराबाद में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के क्रम में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने उनके बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन से एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया था। उस वादे के अनुरूप आज उनकी पार्टी यह मांग रख रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यह मांग किसी तरह की असहमति या नाराजगी नहीं है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन लोकतंत्र में अपनी बात और मांगों को रखना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी और समाज के हित में वे अपनी बात रख रहे हैं।
इस मौके पर जीतन राम मांझी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान में भी लंबे समय से हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न की खबरें सामने आती रही हैं।
मांझी ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश कभी भारत का हिस्सा थे, देश के विभाजन बाद वहां बड़ी संख्या में हिंदू आबादी रह गई थी। भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी समय के साथ बढ़ी है, जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या लगातार घटती गई है। यह अपने आप में चिंता का विषय है और इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए।
धर्म के मुद्दे पर बात करते हुए मांझी ने कहा कि दुनिया के कई देशों में विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। उन्होंने चीन और अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर इस तरह के बड़े विवाद नहीं होते।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे मामले को लेकर गंभीर हैं और बांग्लादेश में हिंदुओं से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि शांति, सौहार्द और सभी धर्मों के सम्मान के साथ आगे बढ़ना ही देश के हित में है।

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