कोहरे की सफेद चादर में लिपटा जहानाबाद, कनकनी ने रोका कारोबार; अलाव की आस में जनजीवन
जहानाबाद जिले में पिछले एक सप्ताह से कोहरा और शीतलहरी का प्रकोप जारी है, जिससे दृश्यता कम हो गई है और लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। घने कोहरे के क ...और पढ़ें

जहानाबाद का मौसम
जागरण संवाददाता, जहानाबाद। जहानाबाद जिले में पिछले एक सप्ताह से लगातार कोहरा और शीतलहरी का प्रकोप बना हुआ है। सुबह होते ही आसमान पर घने कोहरे की चादर छाई रहती है। जिससे दृश्यता बेहद कम हो जाती है। लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं और जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल रहे हैं।
घने कोहरे के कारण सड़कों पर चल रहे वाहनों को हेडलाइट व फॉग लाइट का सहारा लेना पड़ रहा है। फिर भी तेज रफ्तार में चलाना खतरनाक साबित हो रहा है। कई जगहों पर वाहन धीरे-धीरे चलते दिखाई देते हैं जिससे ट्रैफिक सुचारू नहीं रह पाता तथा कभी-कभार जाम जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।
ठंडी हवाओं ने लोगों को ठिठुरन महसूस कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सूरज के दर्शन तो होते हैं लेकिन धूप में गर्माहट की कमी के कारण राहत नहीं मिल रही। धूप होने के बावजूद लोगों के हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं।
फिलहाल ठंड में राहत के आसार कम
मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल ठंड में राहत के आसार कम हैं, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है। इस मौसम का सीधा प्रभाव जिले के बाजारों पर देखने को मिल रहा है। जिला मुख्यालय का बाजार दोपहर तक लगभग सुनसान रहता है।
दुकानदार नियत समय पर दुकानें खोल तो देते हैं, परंतु ग्राहक न के बराबर पहुंचते हैं। कई दुकानों पर व्यापारी हाथ सेंकते हुए इधर-उधर देखते दिखाई देते हैं। दोपहर के बाद हल्की चहल-पहल जरूर शुरू होती है, किंतु शाम ढलते ही शीतलहर फिर से प्रभावी हो उठती है और बाजारों में एक बार फिर सन्नाटा पसर जाता है।
रोजमर्रा का कारोबार प्रभावित
व्यापारियों का कहना है कि बिक्री में काफी गिरावट आई है और रोजमर्रा का कारोबार प्रभावित हो रहा है।ग्रामीण इलाके में भी हालात सामान्य नहीं हैं। ठंड और कोहरे की वजह से ग्रामीण सुबह घरों से बाहर निकलने में झिझक रहे हैं। जिससे आवश्यक सामानों के लिए बाजार में आने वाले लोगों की संख्या काफी कम हो गई है। इससे दुकानदारों की आय में गिरावट दर्ज की जा रही है।
कई किसान भी खेतों में देर से जा रहे हैं, क्योंकि सुबह खेतों में हाथ-पैर चलाना मुश्किल हो जाता है। नगर परिषद की ओर से जनता को राहत देने के लिए शाम के समय चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन यह इंतजाम भी सीमित होने के कारण पर्याप्त साबित नहीं हो रहा। कई स्थानों पर लोग स्वयं कागज व कचरे जलाकर सर्दी से बचने का प्रयास करते दिखाई देते हैं।
दुकानों के बाहर अस्थायी अलाव
कुछ दुकानदारों ने दुकानों के बाहर अस्थायी अलाव भी जला रखा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी ठंड में बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बाहर निकलते समय सिर, गर्दन और हाथ पूरी तरह ढके रहने चाहिए तथा गर्म तरल पदार्थों का सेवन लाभदायक है।
लंबे समय तक ठंड में रहने से सर्दी-खांसी, दमा व निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मौसम के इस रूख के कारण किसानों को भी चिंता सताने लगी है। यदि इसी तरह कोहरे का प्रकोप बना रहा तो सरसों और आलू की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार लगातार कोहरे से फसलों में रोग फैलने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। लगातार बढ़ती ठंड और कोहरे ने आमजन के दैनिक जीवन में कठिनाई बढ़ा दी है। यदि मौसम का यही रुख जारी रहा तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

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