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    Jehanabad News: हुलासगंज में आग का तांडव, 40 एकड़ फसल स्वाहा; रोने लगे किसान

    By Dheeraj kumarEdited By: Piyush Pandey
    Updated: Thu, 24 Apr 2025 06:48 PM (IST)

    हुलासगंज में भीषण आग लगने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कोकरसा विशुनपुर और लोदीपुर गांवों में करीब 40 एकड़ में लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है जिससे किसानों के सारे सपने जल गए। किसान हताश हैं क्योंकि उनकी मेहनत की कमाई पल भर में राख हो गई।

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    आग लगने के बाद धू-धूकर जलती फसल। (जागरण)

    संवाद सूत्र, हुलासगंज (जहानाबाद)। जिले में आग का कहर लगातार दूसरे दिन भी किसानों पर बरपा। गुरुवार को भीषण आगलगी में थाना क्षेत्र के कोकरसा, विशुनपुर व लोदीपुर गांव में चालीस एकड़ में लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई।

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    आगलगी से किसानों में कोहराम मच गया। उनके सभी अरमान आग में धू-धूकर जल गए। आग की लपटें देख किसान छाती पीट-पीटकर रोने लगे। एक दिन पहले ही कोकरसा और विशुनपुर गांव में 25 बीघा में लगी गेहूं की फसल जल गई थी। अब इन किसानों के समक्ष खाने के लाले पड़ गए हैं।

    आग लगने का कारण हाइटेंशन तार से शार्ट सर्किट बताया जाता है, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया।

    सब कुछ खाक

    अग्निपीड़ित किसान रविंद्र शर्मा, उपेन्द्र शर्मा, वामेशर सिंह, मुकेश कुमार, जीतेंद्र सिंह, मनोज सिंह, नागेंद्र सिंह, कौशलेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, गोरेलाल, नवल सिंह, उदय सिंह ने बताया कि आग में सब कुछ खाक हो गया। आग इतनी भयावह थी कि चार घंटे तक नहीं थमी।

    किसानों के अथक प्रयास और दो दमकल गाड़ियोंं के पहुंचने के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक किसानों का सब कुछ खत्म हो चुका था। दमकल की बड़ी गाड़ी नहीं पहुंची थी। खेतों में लगाए बोरिंग को चालू कर आग पर किसी तरह काबू पाया गया।

    किसानों ने बताया कि गत बुधवार को कोकरसा और विशुनगंज गांव के बधार में लगी आग गुरुवार की सुबह फिर सुलग उठी। अबकी पास के लोदीपुर गांव को भी अपनी चपेट में ले ली। सूचना पर दो छोटी दमकल गाड़ी पहुंची और आग बुझाकर लौट गई।

    कुछ समय बाद फिर आग सुलग उठी, जो तेज पछुआ हवा और सूर्य की तेज किरणों के कारण तेजी से खेतों में फैलती चली गई। एक-एक कर दर्जनों किसानों के खेत को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी भीषण थी कि पास जाना मुश्किल था। आग की लौ दूर से ही झुलसा रही थी।

    रो पड़े किसान

    ऊपर से सूर्य की तेज तपिश और नीचे धधकती आग में सब कुछ देखते ही देखते खाक हो गया। अग्निपीड़ितों में ज्यादातर वैसे किसान हैं, जिनकी फसल एक दिन पहले आग में जलकर नष्ट हो गई थी, बची-खुची फसल गुरुवार को जल गई। फसलों की हालत देख किसान रो पड़े।

    फसल बेचकर ही किसान बेटे की पढ़ाई से लेकर बेटी के हाथ पीले करने की योजना बनाते हैं, सभी अरमान पर आग ने पानी फेर दिया। कई किसानों की बेटी की शादी भी तय हो चुकी है। अब किसानों को शादी खर्च की चिंता सता रही है। सारी जमा पूंजी खेतों में लगा दी थी, जब फसल काटने की बारी आई तो आग ने सब कुछ लील लिया।

    किसानों ने बताया कि इलाके में मजदूर नहीं मिलने के कारण फसल कटनी में देरी हो रही थी। कुछ मजदूरों से बातचीत हुई थी, एक दो दिनों में कटनी शुरू होने वाली थी, किंतु उससे पहले ही सारी फसल जल गई।

    इलाके में हार्वेस्टर की संख्या अभी काफी कम है, जहां हार्वेस्टर की सुविधा है, वहां किसान पहले ही कटनी करा चुके हैं। हमलोग मजदूर पर आश्रित थे। अब कटनी करने को फसल बची नहीं।

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