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    जाको राखे साइयां मार सके न कोई... अरवल में स्कॉर्पियो का खतरनाक एक्सीडेंट, लेकिन बच गई सभी की जान

    By Dheeraj kumarEdited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Sun, 25 Aug 2024 04:34 PM (IST)

    Arwal News बिहार के अरवल जिले के किंजर थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो सड़क किनारे पेड़ से टकराकर गड्ढे में पलट गई। हादसे में स्कॉर्पियो के ...और पढ़ें

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    अरवल में स्कॉर्पियों का खतरनाक एक्सीडेंट (जागरण)

    संवाद सहयोगी, जागरण, किंजर (अरवल)। थाना क्षेत्र के एसएच-69 स्थित खैराडीह में रविवार को किंजर से कुर्था की ओर तेज गति से जा रही एक स्कॉर्पियो सड़क किनारे पेड़ से टकराकर गड्ढे में पलट गई। हादसे में स्कॉर्पियो के परखच्चे उड़ गए। हालांकि वाहन सवार एक महिला एवं चालक को हल्की चोट आई है।

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    आसपास के लोगों ने बताया कि स्कॉर्पियो पलटने के बाद महिला सबसे पहले वाहन से निकलकर फरार हो गई, इसके बाद चालक भी वहां से निकलकर भीड़ इकट्ठा होने से पूर्व फरार हो गया।

    तेज रफ्तार के कारण यह घटना घटी। घटना की सूचना पर किंजर थाना प्रभारी पहुंचे और पोकलेन मशीन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त स्कॉर्पियो को गड्ढे से निकाल कर किंजर थाना ले गए। पुलिस वाहन मालिक का पता लगा रही है।

    जहानाबाद में कुत्ते का तांडव, 5 महीने में 4091 लोगों को काटा

    जहानाबाद शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहे हजारों आवारा कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं। कुत्तों का इस कदर आतंक है कि आम लोगों को दहशत के बीच रहना पड़ रहा है,सबसे ज्यादा शिकार छोटे-छोटे बच्चे हो रहे हैं। शहर के रहने वाले लोगों ने बताया कि सभी मोहल्ला में आवारा कुत्तों का झुंड रहता है।

    इनमें से कौन सा कुत्ता कब खूंखार हो जाए कहा नहीं जा सकता। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ा के अनुसार मार्च से लेकर जुलाई तक 5 महीना में 4 हजार 91 लोगों को कुत्ता काट चुका है। कुत्तों के इस आतंक से जिले के लोग दहशत में जी रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कौन सा कुत्ता कब काट दे इस डर से लोग अपने बच्चों को दिन में भी बाहर नहीं निकलने देते। मार्च में 651, अप्रैल में 1040, मई में 1033, जून में 546, जुलाई में 851 लोग कुत्ते काटने के शिकार होकर रेबीज का टीका लेने सदर अस्पताल पहुंचे हैं।

    शहर में आवारा घूम रहे कुत्तों को पकडऩे एवं उनकी नसबंदी कराने की जिम्मेदारी नप प्रशासन की है। लेकिन नप के पास न कुत्ता पकडऩे वाले प्रशिक्षित कर्मचारी है और उनकी नसबंदी के लिए बजट। कुत्तों के आतंक से परेशान आमलोग जब इसकी शिकायत नगर परिषद के अधिकारियों से करते हैं तो वे यह कहते हुए हाथ खड़ा कर देते है कि उनके पास कुत्ता पकडऩे की कोई व्यवस्था नहीं है।

    नगर परिषद की यह लाचारी शहर की जनता पर भारी पड़ रही है। शहर में ऐसा कोई दिन नहीं जब लोग कुत्ते का शिकार न हो। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि एंटी रेबीज का टीका पर्याप्त मात्रा में अस्पताल में है, 4360 टीका अस्पताल में उपलब्ध है। कुत्ते काटने के शिकार हुए लोग प्रतिदिन अस्पताल पहुंचते हैं उन्हें टीका लगाया जाता है

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