अरवल जिले में 607 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित, बुनियादी सुविधाओं की कमी से हो रही परेशानी
अरवल जिले में कुल 852 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 607 केंद्र अभी भी किराए के भवनों या निजी आवासों में संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों में शौचालय, पीने क ...और पढ़ें

अरवल जिले में 607 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित
जागरण संवाददाता, अरवल। जिले में कुल 852 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिसमें सिर्फ 141 केंद्र को ही अपना भवन है। शेष 711 केंद्र किराए के भवन या फिर सेविका द्वारा अपने निजी आवास में संचालित किए जा रहे थे। इनमें किराए पर संचालित 104 केंद्रों को पुराने पंचायत भवन, सरकारी विद्यालय, सामुदायिक समेत अन्य सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है।
शेष 607 केंद्रों को अब तक अपना भवन नहीं मिल पाया है। सरकार द्वारा नौनिहालों को शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जाता है। केंद्र को अपना भवन नहीं होने से नौनिहालों को परेशानी होती है। कई केंद्र को सेविकाएं अपने घरों में संचालित करती हैं, घरेलू कामों में व्यस्तता के चलते बच्चों को पूरा समय नहीं दे पाती हैं।
बुनियादी सुविधाओं की कमी से बच्चों को परेशानी
किराए के भवन या निजी आवास में शौचालय, पीने का पानी और पर्याप्त जगह जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पातीं। बुनियादी सुविधाओं की कमी से बच्चों को परेशानी होती है। विभाग द्वारा दी जाने वाली सामग्री, खेल के सामान व अन्य सामग्री रखने के लिए भी पर्याप्त स्थान का अभाव बना रहता है।
सरकारी भवनों के लिए सरकार प्रतिमाह किराया देती है। शहरी क्षेत्रों के लिए लगभग 6000 व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2000 रुपये प्रति माह निर्धारित है।
जमीन के लिए सीओ से किया जा रहा पत्राचार
जिले में 607 आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन नहीं मिल रही है। कई बार आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा सभी अंचल अधिकारियों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है ताकि भवन का निर्माण किया जा सके।
अरवल प्रखंड में 153, कलेर प्रखंड में 116, करपी प्रखंड में 175, कुर्था प्रखंड में 108 और वंशी प्रखंड में 55 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के मकान में संचालित हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माला कुमारी ने कहा कि सभी अंचल अधिकारियों को जमीन के लिए लिखा गया है। इस पर कार्य चल रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।