Apaar Card: क्या है अपार कार्ड, स्कूली बच्चों को कैसे मिलेगा फायदा? इस आधार पर करेगा काम
Apaar Card Registration गोपालगंज के भोरे प्रखंड मुख्यालय में सभी प्रधानाध्यापकों को स्कूली बच्चों के अपार कार्ड बनवाने के निर्देश दिए गए। यह कार्ड वन ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, भोरे (गोपालगंज)। Gopalganj News: गोपालगंज के भोरे प्रखंड मुख्यालय स्थित गांधी स्मारक उच्च विद्यालय सह इंटर कालेज में प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक आयोजित की गई। इसमें स्कूली बच्चों के आधार के बाद अपार कार्ड बनवाने संबंधी आवश्यक निर्देश दिए गए। बैठक को संबोधित करते हुए बीईओ लखींद्र दास ने कहा कि सभी स्कूलों के बच्चों का अपार कार्ड बनवाना अनिवार्य है।
इसके लिए सभी स्कूलों को अभिभावकों से सहमति पत्र भी लेना होगा। सभी स्कूलों को प्रारूप सौंपा गया है और एक-एक बच्चे के अभिभावक से सहमति लेने का निर्देश दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में आधार की तरह छात्रों का अब अपार कार्ड बनाया जाना है। वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी योजना के तहत यह ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री (अपार) कार्ड बनाया जाना है।
यह आईडी प्रत्येक विद्यार्थी के आधार संख्या पर आधारित
यह आईडी प्रत्येक विद्यार्थी के आधार संख्या पर आधारित होगा। यह कार्ड विद्यार्थियों के स्थानांतरण में तो काम आएगा ही, 18 साल पूरे होने पर उनके नाम से खुद मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए शामिल किया जा सकेगा। इसके लिए स्कूलों को अभिभावक-शिक्षक बैठक करने का निर्देश दिया गया है। इस योजना के तहत स्कूली छात्रों के पास जल्द अपनी विशिष्ट पहचान संख्या होगी।
हालांकि, इसके लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी। 12 अंकों के आधार आइडी के अलावा प्रत्येक छात्र के पास वन नेशन वन स्टूडेंट परिचय पत्र होगा। यह छात्रों की शैक्षणिक यात्रा सहित उनकी उपलब्धियों के ट्रैक रिकार्ड का परिचय पत्र भी कहा जा सकता है।
इस आईडी में छात्रों के हर एक हुनर दर्ज होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक प्रत्येक छात्र के लिए वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी की योजना बनाई गई है। बैठक में बीपीएम मुकेश कुमार, अंजनी कुमार, अनुज कुमार पांडेय, दिनेश कुमार, अखिलेश मिश्र, दिलीप बर्नवाल सहित सभी प्रधानाध्यापक मौजूद रहे।
यू डायस पोर्टल के माध्यम से ही बनाई जा सकेगी अपार आईडी
आउट आफ स्कूल बच्चों का चिह्नीकरण तथा उनकी शैक्षिक यात्रा, उनके अंक पत्र आदि का विवरण संबंधित अपार आईडी में सुरक्षित हो जाएंगे। डिजिलॉकर की सहायता से सभी अकादमिक अभिलेख को प्राप्त किया जा सकेगा। इस व्यवस्था से ड्रॉप आउट दर को कम किया जा सकेगा तथा ऐसे बच्चों को फिर से शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायक सिद्ध होगा।
यू डायस पोर्टल के माध्यम से ही अपार आईडी बनाई जा सकेगी। वहीं, केंद्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालय के कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों की अपार आईडी जारी की जा चुकी है। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिया जाएगा।

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