पत्नी को सालों से नहीं दिया भरण-पोषण का खर्च, अब जागी पुलिस; पति के घर से उठा ले गई सारा सामान
गोपालगंज के उचकागांव में न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए पत्नी और बच्चों को भरण-पोषण राशि न देने पर पुलिस ने जमशेद आलम के घर कुर्की की कार्रवाई की। परिवार न्यायालय के आदेश के बाद भी 34 महीने तक राशि नहीं दी गई जिसके बाद न्यायालय ने कुर्की का आदेश दिया।

संवाद सूत्र, उचकागांव (गोपालगंज)। भरण-पोषण खर्च नहीं देने के मामले में न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने वाले उजरा नारायणपुर गांव के जमशेद आलम पर रविवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की।
आरोपित द्वारा पत्नी और बच्चों को पिछले लगभग तीन वर्षों से भरण-पोषण राशि नहीं दिए जाने पर पुलिस ने उसके घर जाकर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की।
वर्ष 2019 में यासमीन खातून ने अपने पति जमशेद आलम के खिलाफ परिवार न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। आरोप लगाया गया कि पति ने न तो पत्नी का भरण-पोषण किया और न ही बच्चों की देखभाल।
मामले की सुनवाई करते हुए परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने जमशेद आलम को आदेश दिया था कि वह हर माह आठ हजार रुपये पत्नी और बच्चों को भरण-पोषण खर्च के रूप में दे।
जमशेद आलम ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और लगातार 34 माह तक एक भी किस्त नहीं दी। इस दौरान बकाया राशि तीन लाख 52 हजार रुपये तक पहुंच गई।
कारण बताओ नोटिस के बाद खुली पुलिस की नींद
आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए न्यायाधीश ने सात मई 2024 को आरोपित के घर कुर्की करने का आदेश जारी किया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि एक माह के भीतर बकाया राशि जमा नहीं हुई तो कुर्क किए गए सामानों की नीलामी कर भरण-पोषण की राशि पूरी की जाएगी।
न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस ने लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज होकर परिवार न्यायालय ने बीते सात जुलाई को उचकागांव थानाध्यक्ष के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने रविवार को कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू की।
कुर्क किए गए सामान की होगी नीलामी
अपर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, दरोगा आसिफ रसूल खान और रिंकी मिश्रा की अगुवाई में पहुंची पुलिस टीम ने आरोपित के घर से पलंग, सोफा सेट, बर्तन, बिस्तर, कपड़े और स्टैंड फैन सहित कई घरेलू सामान जब्त कर लिए।
कार्रवाई के दौरान गांव में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और पूरे मामले को गंभीरता से देखा। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आरोपित यदि एक माह के भीतर बकाया भरण-पोषण राशि जमा नहीं करता है तो कुर्क किए गए सामान को नीलाम कर पत्नी और बच्चों को न्यायालय के आदेशानुसार राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।