8 लाख की रिश्वत का मामला: गोपालगंज डीईओ ने शुरू की जांच, पीड़ित शिक्षक बोले- सच दबाने की कोशिश हो रही
गोपालगंज में शिक्षा विभाग में 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप से हड़कंप मच गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने जांच कमेटी गठित करने की प ...और पढ़ें

8 लाख की रिश्वत मामले में डीईओ ने शुरू की जांच
जागरण संवाददाता, गोपालगंज/बैकुंठपुर। शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा में 8 लाख रुपये की कथित रिश्वत मांगने से जुड़े प्रसारित ऑडियो ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। इंटरनेट मीडिया पर सामने आए इस ऑडियो की सत्यता दैनिक जागरण प्रमाणित नहीं करता, लेकिन मामले के तूल पकड़ते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने गंभीरता दिखाते हुए विशेष जांच कमेटी गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
डीईओ ने बताया कि डीपीओ (स्थापना) मो. साहेब आलम और लिपिक बाबूजान अंसारी से स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन दोनों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। दोनों अधिकारियों ने रिश्वत मांगने और फाइल रोकने के आरोपों को सिरे से नकारा है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अंदरूनी कार्यप्रणाली और जनप्रतिनिधियों की ओर से उठ रहे सवालों ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
सच दबाने की कोशिश की जा रही: पीड़ित शिक्षक का आरोप
बरौली प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय हलुआर के शिक्षक ग्यासुद्दीन ने कहा कि विभागीय अधिकारी और लिपिक पूरे सच को दबाने में जुटे हैं। उनके अनुसार उनका वेतन न्यायालय और विभागीय आदेश के बाद 31 अक्टूबर को जारी हुआ, लेकिन इससे पहले उनसे आठ लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। रिश्वत से इनकार पर उनकी फाइल महीनों तक रोकी गई और उन पर मानसिक दबाव बनाया गया।
उन्होंने मांग की कि डीपीओ, लिपिक और चालक के मोबाइल नंबरों की सीडीआर जांच कराने से पूरा मामला साफ हो जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब भी कथित शिक्षा माफिया द्वारा उन्हें धमकियां मिल रही हैं।
सदन में गूंजा मामला, कार्रवाई की मांग तेज
तिरहुत स्नातक क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य बंशीधर ब्रजवाशी ने सदन में यह मुद्दा उठाकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह राणा ने जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

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