Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    थावे मंदिर : बास्‍केटबॉल का होनहार ख‍िलाड़ी कैसे बना शात‍िर चोर? सामने आया थाईलैंड कनेक्शन

    By Rajat Kumar Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 05:44 PM (IST)

    गोपालगंज में थावे मंदिर के पास एक बास्केटबॉल खिलाड़ी के शातिर चोर बनने की कहानी सामने आई है, जिसमें थाईलैंड कनेक्शन भी जुड़ रहा है। खिलाड़ी के अपराध म ...और पढ़ें

    Hero Image

    थावे मंदिर में चोरी का आरोप‍ित दीपक राय। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। थावे मंदिर परिसर से 17-18 दिसंबर को मां भवानी के गर्भगृह में घुसकर मुकुट सहित करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के जेवरात चोरी मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।

    इस कांड में गिरफ्तार मुख्य आरोपित का थाईलैंड कनेक्शन सामने आने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पुलिस ने यूपी के गाजीपुर जिले के रहने वाले आरोपित को मंगलवार गिरफ्तार कर लिया था।

    अब उसके दो गुर्गों को भी यूपी के प्रयागराज से उठाकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यूपी के गाजीपुर जिले के जमनिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बेटावर कला गांव निवासी दीपक राय को थावे थाना क्षेत्र के इटवा पुल के समीप से गिरफ्तार किया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    थाईलैंड के युवकोंं के संपर्क में था दीपक 

    उसके मोबाइल की जांच की गई तो पता चला कि दिसंबर की शुरुआत में वह थाईलैंड के कुछ युवकों के संपर्क में था। इस खुलासे के बाद पुलिस के साथ एसटीएफ की टीम भी जांच में जुट गई है।

    बताया जाता है कि दीपक राय इससे पहले यूपी के मऊ जिले में एक मंदिर में जेवर चोरी के मामले में जेल जा चुका है और नवंबर माह में ही जेल से बाहर आया था।

    चोरी को अंजाम देने से पहले पुलिस से बचने के तरीके जानने के लिए उसने ‘खाकी’ वेबसीरीज तक देखी। इसके बाद 17-18 दिसंबर की रात बाइक से मंदिर पहुंचकर उसने वारदात को अंजाम दिया।

    फिलहाल पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम यूपी के प्रयागराज सहित अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रही है। दीपक राय के दो गुर्गों से पूछताछ के दौरान चोरी गए जेवरों की बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।  

    बास्‍केटबॉल का होनहार ख‍िलाड़ी रह चुका है दीपक 

    थावे मंदिर में हुई चोरी के मामले में दीपक राय कभी बास्केटबाॅल का होनहार खिलाड़ी था। जिला स्तर पर खेल चुका है। खेल के मैदान से अपराध की दुनिया तक का उसका सफर समाज के लिए भी एक चेतावनी बनकर उभरा है।

    थावे मंदिर में जिस अंदाज में उसने चोरी की घटना को अंजाम दिया, उससे स्पष्ट हो रहा था कि चोरी करने वाला उंचाई पर चढ़ने की कला से पूरी तरफ चढ़ने व उतरने में माहिर था।

    बताया जाता है कि बास्केटबाॅल खेलने के दौरान ही दीपक की पहचान कुछ असामाजिक तत्वों से हुई। धीरे-धीरे वह गलत संगत में फंसता चला गया और आसान पैसे के लालच में चोरी जैसे अपराधों की ओर बढ़ गया।

    पुलिस के अनुसार दीपक का आपराधिक इतिहास नया नहीं है। इससे पहले 3 मार्च 2025 को उसने उत्तर प्रदेश के मऊ जिले स्थित शीतला माता मंदिर में चोरी की थी।

    सीढ़ी के सहारे मंदिर में घुसा था चोर 

    13 नवंबर 2025 को जेल से रिहा होने के बाद दीपक ने अपराध की दुनिया को पूरी तरह छोड़ने के बजाय और अधिक शातिर तरीके अपनाने शुरू कर दिए। उसने इंटरनेट मीडिया, गूगल मैप व आनलाइन जानकारियों का सहारा लेकर मंदिरों की रेकी शुरू की और अंततः थावे मंदिर को निशाना बना डाला।

    जांच में सामने आया है कि दीपक ने 10-11 दिसंबर की रात 11.50 बजे से 12.10 बजे के बीच मंदिर परिसर और आसपास की गतिविधियों पर नजर रखी।

    17-18 दिसंबर की रात इसी समय के दौरान उसने चोरी की वारदात को भी अंजाम दिया था। पूछताछ में बताया कि रेकी के दौरान उसने देखा कि रात 11.45 बजे के बाद थावे मंदिर परिसर में पूरी तरह सन्नाटा पसर जाता है।

    श्रद्धालुओं की आवाजाही बंद हो जाती है और सुरक्षा व्यवस्था भी सीमित रह जाती है। दीपक ने इसी स्थिति का फायदा उठाया व वारदात के लिए यही समय चुना था।

    दीपक ने रेकी के दौरान उसने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों, आने-जाने के रास्तों और मंदिर के प्रवेश व निकास द्वार का बारीकी से जायजा लिया। इसके बाद घर चला गया।

    17-18 दिसंबर की रात उसने महज कुछ ही मिनटों में चोरी को अंजाम देकर भाग निकला था। इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी थी।

    सन्‍नाटे का फायदा उठाकर दिया घटना को अंजाम

    थावे मंदिर चोरी कांड का खुलासा करते हुए एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि आरोपी दीपक राय ने शुरुआत में बांस के सहारे मंदिर परिसर में प्रवेश करने की योजना बनाई थी।

    उसने इसके लिए आसपास के इलाके में बांस की तलाश भी की थी, ताकि बिना किसी की नजर में आए मंदिर के भीतर दाखिल हो सके। हालांकि चोरी की घटना वाले दिन मंदिर परिसर में दुकानों के पास पहले से रखी सीढ़ी ने उसकी योजना को और आसान बना दिया।

    एसपी ने बताया कि आरोपी ने देर रात मंदिर परिसर में पसरे सन्नाटे का पूरा फायदा उठाया। रात 11.30 बजे के बाद श्रद्धालुओं की आवाजाही बंद हो जाने से उसे किसी प्रकार की रोक-टोक का सामना नहीं करना पड़ा।

    सीमित समय में वारदात को अंजाम देकर वह मौके से फरार हो गया। पुलिस के अनुसार आरोपी की यह योजना पहले से बनाई हुई थी और उसने रेकी के दौरान हर छोटे-बड़े पहलुओं पर ध्यान दिया था। फिलहाल पुलिस चोरी गए गहनों की बरामदगी और आरोपित के दूसरे साथियों की तलाश में जुटी हुई है।