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    डा. मैनेजर पांडेय ने 12 साल पहले बिहार के अपने गांव में की थी साहित्य संकुल की स्थापना

    By Jagran NewsEdited By: Akshay Pandey
    Updated: Sun, 06 Nov 2022 09:59 PM (IST)

    डा. मैनेजर पांडेय रविवार की सुबह 82 साल की उम्र में दिल्ली स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। डा. मैनेजर पांडेय का जन्म गोपालगंज के पंचदेवरी प्रखंड के लोहटी गांव में 23 सितंबर 1941 को एक किसान परिवार में हुआ था।

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    जनकवि नागार्जुन के साथ डा. मैनेजर पांडेय। जागरण।

    जासं, पंचदेवरी (गोपालगंज) : प्रख्यात समालोचक, दार्शनिक व हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण स्तंभ डा. मैनेजर पांडेय का जन्म गोपालगंज के पंचदेवरी प्रखंड के लोहटी गांव में 23 सितंबर, 1941 को एक किसान परिवार में हुआ था। रविवार की सुबह 82 साल की उम्र में दिल्ली स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। वह छह माह से बीमार चल रहे थे। डा. पांडेय ने 12 साल पहले अपनी उम्र के 70 वर्ष पूरे होने पर पैतृक गांव लोहटी में जन्मोत्सव मनाया था। इस मौके पर यहां साहित्य संकुल की स्थापना की थी। इस संकुल के माध्यम से हर वर्ष उनके जन्मदिवस पर साहित्यिक सम्मेलन होता था।

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    • - हिंदी साहित्य के प्रख्यात समालोचक डा. मैनेजर पांडेय का निधन
    • - दिल्ली स्थित आवास पर रविवार की सुबह में ली अंतिम सांस 
    • - छह माह से बीमार चल रहे थे डा. मैनेजर पांडेय

    राष्ट्रपति सहित दर्जनों पुरस्कार मिला 

    उनकी ‘साहित्य और इतिहास दृष्टि’, ‘शब्द और कर्म’, ‘साहित्य के समाजशास्त्र की भूमिका’, ‘भक्ति आन्दोलन और सूरदास का काव्य’, ‘आलोचना की सामाजिकता’, ‘हिन्दी कविता का अतीत और वर्तमान’, ‘आलोचना में सहमति असहमति’, ‘भारतीय समाज में प्रतिरोध की परंपरा’, ‘अनभै सांचा’ आदि महत्वपूर्ण समीक्षात्मक कृतियां हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार सहित दर्जनों पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

    सबसे गंभीर और जिम्मेदार समीक्षकों में एक

    डा. मैनेजर पांडेय को अपने समय के सबसे गंभीर और जिम्मेदार समीक्षकों में एक माना जाता था। दुनियाभर के समकालीन विचार-विमर्शकों, साहित्य व साहित्यकारों पर उनकी पैनी नजर रहती थी। उन्होंने हिंदी की मार्क्सवादी आलोचना को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के आलोक में देश, काल और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अधिक सम्पन्न और सृजनशील बनाया। वैश्विक विवेक और आधुनिकता बोध उनकी आलोचना की प्रमुख विशेषताएं रहीं।

    पैतृक गांव में रहती हैं बेटी उर्मिला 

    डा. मैनेजर पांडेय के परिवार के अधिकांश सदस्य दिल्ली में ही रहते हैं। डा. पांडेय के एक पुत्र आनंद पांडेय का निधन 20 वर्ष पूर्व हो गया था। उनकी दो पुत्रियां उर्मिला व रेखा हैं। रेखा जयपुर में प्रोफेसर हैं। उर्मिला उनके पैतृक निवास लोहटी में रहती हैं। उर्मिला को दो पुत्री व दो पुत्र हैं।