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    अमेरिका-दिल्ली छोड़ ग्रामीणों को बना रहे डिजिटल साक्षर

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jan 2020 06:09 AM (IST)

    संवाद सहयोगी हथुआ(गोपालगंज) ये उन दो दोस्तों की कहानी है जो अपने गांव के युवकों ...और पढ़ें

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    अमेरिका-दिल्ली छोड़ ग्रामीणों को बना रहे डिजिटल साक्षर

    संवाद सहयोगी, हथुआ(गोपालगंज) : ये उन दो दोस्तों की कहानी है जो अपने गांव के युवकों को डिजिटल साक्षर बना रहे हैं। एक दोस्त एमबीए करने के बाद अमेरिका में नामीगिरामी कंपनी में अच्छे पद पर काम करते थे। वहीं दूसरा दोस्त दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। हालांकि अच्छा कैरियर होने के बाद भी दोनों दोस्तों को अपने गांव हथुआ प्रखंड मुख्यालय से सात किलोमीटर दक्षिण सुदूर रेपुरा का पिछड़ापन हमेशा कचोटता था। तभी विदेश में काम कर रहे विकास कुमार राय ने अपने गांव के लिए कुछ करने का मन बनाया। उन्होंने इसकी जानकारी अपने गांव के ही दोस्त अभिषेक गौरव को दी तो उन्होंने भी इस मुहिम में शामिल होने की हामी भर दी। इसके बाद दोनों दोस्त अपने गांव रेपुरा आ गए। उन्होंने अपने गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोल कर रेपुरा गांव के युवक व युवतियों को डिजिटल साक्षर शुरू करने की पहल की। इस प्रशिक्षण केंद्र से युवक व युवतियां कंप्यूटर में दक्षता हासिल कर अपने हुनर से अपना जीवन संवार रहे हैं।

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    हथुआ के रेपुरा गांव के निवासी विकास कुमार राय एमबीए करने के बाद विप्रो कंपनी के मैनेजर के पद पर अमेरिका चले गए। रेपुरा गांव के निवासी अभिषेक गौरव उनके अच्छे दोस्त हैं। अभिषेक दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगे। विकास कुमार राय बताते हैं कि अमेरिका में काम करने के दौरान भी उन्हें अपने गांव की शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ापन खलता था। वे अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे। इसी को लेकर उन्होंने अपने दोस्त अभिषेक से बात किया तो वे भी उनके साथ मिल कर अपने गांव के युवकों को डिजिटल साक्षर बनाने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद विकास कुमार ने अमेरिका की अपनी नौकरी छोड़ दी तथा अपने दोस्त अभिषेक के साथ गांव आकर साल 2017 में निश्शुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोला। उनके प्रयास से अब रेपुरा तथा उसके आसपास के गांवों के आठ सौ से अधिक युवक व युवतियां कंप्यूटर शिक्षा हासिल कर चुके हैं। इनमें से कई युवक अपने हुनर से अपना जीवन संवार रहे हैं। अब रेपुरा के साथ ही हथुआ में भी दोनों दोस्त कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोल कर युवकों को कंप्यूटर तकनीकी में दक्ष कर रहे हैं।