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    Bihar: श्रीलंका के राष्ट्रपति पहुंचे बिहार, बोधगया में किया गया शानदार स्वागत; ये है उनका पूरा कार्यक्रम

    Bihar News श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके आज सुबह बोधगया पहुंचे। उनके साथ विदेश मंत्री विजीथा हेराथ और उप वित्त मंत्री अनिल जयंता व अधिकारियों का एक दल था। बीटीएमसी के समीप महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के महासचिव भंते पी सिवली थेरो ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद वे महाबोधि मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना करने गए।

    By vinay mishra Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 17 Dec 2024 10:03 AM (IST)
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    बोधगया में श्रीलंका के राष्ट्रपति का भव्य स्वागत (जागरण)

    जागरण संवाददाता, बोधगया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके मंगलवार को बोधगया पहुंचे। उनके साथ विदेश मंत्री विजीथा हेराथ और उप वित्त मंत्री अनिल जयंता व अधिकारियों का एक दल है। सभी का स्वागत बीटीएमसी के नदजीक महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के महासचिव भंते पी सिवली थेरो, बीटीएमसी सचिव डा महाश्वेता महारथी सहित अन्य सदस्यों ने खादा भेंट कर किया।

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    ये है राष्ट्रपति का पूरा कार्यक्रम

    उसके बाद सभी महाबोधि मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना करने गए। बीटीएमसी सचिव डा महारथी ने बताया कि वे मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना कर पवित्र बोधिवृक्ष का अवलोकन करेंगे। उसके बाद मंदिर परिसर स्थित भगवान बुद्ध से जुड़ा सात स्थलों का अवलोकन कर साधना उद्यान में धर्म घंटा बजाएंगे।

    उसके बाद महाबोधि सोसाइटी के जयश्री महाबोधि मंदिर में पूजा कर भगवान बुद्ध व उनके शिष्यों के अस्थि अवशेष का दर्शन करेंगे। लगभग डेढ़ घंटे बुद्धभूमि पर व्यतीत कर वापस एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे।बोधगया एक पवित्र शहर है जो भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ा हुआ है और यहां कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल हैं।

    बोधगया की खास बातें

    •  महाबोधि मंदिर: यह मंदिर भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के स्थान पर बनाया गया है। यह मंदिर बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
    •  बोधिवृक्ष: यह वृक्ष भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के समय का है। यह वृक्ष महाबोधि मंदिर के पास स्थित है।
    •  बौद्ध मठ और मंदिर: बोधगया में कई बौद्ध मठ और मंदिर हैं जो विभिन्न देशों की बौद्ध परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
    •  बौद्ध कला और संस्कृति: बोधगया में बौद्ध कला और संस्कृति की समृद्ध परंपरा है। यहां कई संग्रहालय और कला दीर्घाएं हैं जो बौद्ध कला और संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं।
    •  बौद्ध त्योहार और उत्सव: बोधगया में कई बौद्ध त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं। इनमें बुद्ध पूर्णिमा, लोसर और वेसाक शामिल हैं।
    •  प्राकृतिक सौंदर्य: बोधगया के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां कई नदियां, झीलें और वनस्पतियां हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

    बोधगया मंदिर की खासियत

    •  भगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति का स्थल: बोधगया मंदिर वह स्थल है जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
    •  महाबोधि वृक्ष: मंदिर परिसर में एक पवित्र वृक्ष है जिसे महाबोधि वृक्ष कहा जाता है। यह वृक्ष भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के समय का है।
    •  मंदिर की वास्तुकला: बोधगया मंदिर की वास्तुकला बौद्ध वास्तुकला की एक अद्वितीय मिसाल है। मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी में हुआ था।

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