पीपीआर बीमारी से बचाएं अपनी भेंड़ और बकरियों को, यह लक्षण दिखें तो तुरंत करें पशु चिकित्सक से संपर्क
भेंड़-बकरियों को पीपीआर बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। औरंगाबाद के जिला पशुपालन अधिकारी ने बताया कि यह बीमारी बहुत खतरनाक होती है। समय से इलाज न हो तो पशु की मौत हो जाती है।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। पीपीआर (Peste des petits ruminants) विषाणु जनित पशुओं की खतरनाक बीमारी है। प्रायः यह बीमारी बकरी एवं भेड़ों में पाई जाती है। यह संक्रामक बीमारी है। यह इतनी खतरनाक है कि संक्रमण के एक सप्ताह के अंदर पशु की मृत्यु हो जाती है। इसलिए अपने पशुओं काे पीपीआर की वैक्सीन जरूर लगवाएं। ये बातें जिला पशुपालन अधिकारी डॉ कुमुद मुंडो ने शुक्रवार को कहीं। वे कुटुंबा अस्पताल परिसर में टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए बोल रहे थे।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत करें पशु चिकित्सक से संपर्क
पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि पशुओं में इस बीमारी का संक्रमण होने पर तेज बुखार, आंख-नाक से पानी की तरह स्राव होने लगता है। पशुओं को सांस लेने में कठिनाई होती है। बीमारी के दो-तीन दिन बाद मुंह के अंदर के भाग में लाली पड़ जाती है। इस तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हीं पशुओं को तुरंत पशु चिकित्सक से दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण इसकी रोकथाम का प्रमुख उपाय है। भेड़ एवं बकरी प्रजाति के सभी पशुओं का टीकाकरण कराया जा रहा है। इसके लिए प्रखंड की सभी पंचायतों में अलग-अलग टीकाकरण कर्मी प्रतिनियुक्त किए गए हैं।
पशुओं की मौत से होती है काफी क्षति
पंचायत समिति सदस्य चुनमुन सिंह ने विभाग के इस अभियान की सराहना की। कहा कि पशुओं की मौत होने पशुपालकों को हजारों की क्षति होती है। छोटी-छोटी बीमारी को पशुपालक समझ नहीं पाते हैं जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि पशुओं का समय से टीकाकरण कराएं ताकि वे सुरक्षित रहें और पशुपालक भी नुकसान से बचे रह सकें। मौके पर टीकाकरण कर्मी राजेंद्र सिंह, निवास पांडे, रमेश ठाकुर, प्रमोद कुमार मेहता, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, उपेंद्र प्रसाद आदि मौजूद रहे।
ये हैं बीमारी के लक्षण
- भेंड़-बकरियों को तेज बुखार
- आंख और नाक से पानी व गंदगी का स्राव
- आंखों में सूजन और सफेदी
- सुस्ती और मसूड़ों में छाले
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