कमलेश सिंह ने संभाला गया में सीआरपीएफ कमांडेंट का पदभार, कहा- युवा को भटकने से रोकेंगे
159 वीं सीआरपीएफ कमांडेंट के पद पर कमलेश सिंह ने शनिवार को पदभार ग्रहण किए। वे निवर्तमान कमांडेंट डॉ.निशित कुमार का स्थान लेंगे। पदभार ग्रहण करने के उपरांत 159 वीं सीआरपीएफ मुख्यालय में पदाधिकारी व जवानों से रूबरू हुए।

गया, जागरण संवाददाता। 159 वीं सीआरपीएफ कमांडेंट के पद पर कमलेश सिंह ने शनिवार को पदभार ग्रहण किए। वे निवर्तमान कमांडेंट डॉ.निशित कुमार का स्थान लेंगे। पदभार ग्रहण करने के उपरांत 159 वीं सीआरपीएफ मुख्यालय में पदाधिकारी व जवानों से रूबरू हुए।
पदभार ग्रहण करने के बाद नव पदस्थापित कमांडेंट ने कहा कि सीआरपीएफ देश का एक मात्र ऐसा सशस्त्र बल है, जो देश के अंदर कानून व्यवस्था बनाए रखने में बुनियादी भूमिका के साथ राज्यों की मदद करता है। जवान देश के विभिन्न दुर्गम व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहकर माओवादी, नक्सलवाद व आतंकवादियों व चरमपंथियों के खिलाफ लड़ रहे हैं। गया जिले में भाकपा माओवादी संगठन के माद में घुसकर 159 बटालियन सीआरपीएफ के अधिकारी व जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है, इसके कारण हाल के वर्षो में इस इलाके में माओवादियों का वर्चस्व काफी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है। गया क्षेत्र के युवाओं को नक्सली रास्तों पर भटकने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास को और भी प्रभावी बनाना है। इस क्षेत्र के सुदूरवर्ती नक्सली क्षेत्रों में बेरोजगार युवकों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर चलाएंगे और उन्हें राह भटकने से रोकेंगे ।
बता दें कि वे 1972 में बीएससी की पढ़ाई उतीर्ण करने के बाद वर्ष 31 मई 1996 को बतौर सहायक कमांडेंट के पद पर इस बल में पदार्पण किया। करीब 25 वर्ष की सेवा के दौरान उन्होंने 75 बटालियन श्रीनगर, आसाम, एसडीजी दिल्ली, 172 बटालियन गढ़वा झारखंड, 209 कोबरा खूंटी झारखंड 79 बटालियन श्रीनगर में तैनात रहे। वे अपनी व्यवसायिक, तकनीकी, परिचालनिक विशेषताओं के कारण वे 12 वर्षो तक स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप में तैनात रहे, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए विशेष दस्ता है। विशेष दस्ता में तैनात रहकर उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें बेहतर कार्य के लिए कई विभिन्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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