'गजब स्वाद बा...', जापान के राजदूत बिहार के लिट्टी चोखा के हुए दीवाने, फोटो शेयर कर भोजपुरी में की तारीफ
जापान के राजदूत केइची ओनो बिहार के मशहूर व्यंजन लिट्टी चोखा के मुरीद हो गए हैं। उन्होंने लिट्टी चोखा का स्वाद लेते हुए अपनी तस्वीर ऑनलाइन शेयर की और इसकी जमकर तारीफ की। ओनो ने इसे विश्व प्रसिद्ध बताया और लिखा कि इसका स्वाद अद्भुत है। ओनो ने सोमवार को एक्स (पहले ट्विटर) पर अपने अनुभव के बारे में पोस्ट किया।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार का लिट्टी चोखा अब सिर्फ बिहार और देश में ही फेमस नहीं रहा है, बल्कि यह इंटरनेशनल हो गया है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि दूसरे देश से आने वाले नेता और अधिकारी भी मान रहे हैं।
दरअसल, भारत में जापान के राजदूत केइची ओनो बिहार के मशहूर व्यंजन लिट्टी चोखा के मुरीद हो गए। और इसका लुत्फ उठाते हुए अपनी एक वायरल तस्वीर ऑनलाइन शेयर करते हुए जमकर तारीफ की है।
ओनो ने सोमवार को एक्स (पहले ट्विटर) पर अपने अनुभव के बारे में पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पारंपरिक व्यंजन को 'विश्व प्रसिद्ध' बताया और लिखा कि नमस्ते, बिहार! आखिरकार विश्व प्रसिद्ध लिट्टी चोखा को चखने का मौका मिला। 'गजब स्वाद बा'
बिहार के गया आए थे जापान के राजदूत
बता दें कि हाल में ही भारत में जापान के राजदूत बिहार के गया आए थे। जिसके बाद उन्होंने यहां पर कई जगहों का भ्रमण किया था। साथ ही उन्होंने इस दौरान बिहार की फेमस डिश लिट्टी चोखा का स्वाद लिया था।
जापानी राजदूत ने महाबोधी मंदिर का अनुभव साझा किया
महाबोधि मंदिर परिभ्रमण के पश्चात जापान के राजदूत केइची ओनो ने अतिथि पंजी में अंकित किया। उनके साथ जापान पर्यटन एजेंसी के आयुक्त नाओया हरिकावा, द्वितीय सचिव रयुता सैतो और जापान दूतावास के अधिकारी मासाहिरो कावाकामी थे।
ओनो ने कहा कि यह यात्रा वास्तव में एक यादगार अनुभव था। दल के अन्य सदस्यों ने भी महाबोधि मंदिर और बोधगया की यात्रा के गहन अनुभव की सराहना की।
उन्होंने कहा कि बोधगया का महाबोधि मंदिर और बौद्ध धर्म जापान के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। महाबोधि मंदिर और भारत स्थित बोधगया का जापान मंदिर दोनों देशों के बीच मैत्री, सांस्कृतिक सहित अन्य संबंधों के सेतु के रूप में काम करते रहेंगे।
महाबोधि मंदिर में हुआ स्वागत
महाबोधि मंदिर पहुंचने पर भिक्षु डॉ. बुद्ध रत्न (मनोज भंते), सचिव डा.. महाश्वेता महारथी, सदस्य रेव. ओकोनोगी, डा. अरविंद सिंह व किरण लामा ने खादा देकर सभी का स्वागत किया। जापानी राजदूत सहित दल के सदस्यों ने मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना किया और पवित्र बोधिवृक्ष को नमन किया।
उसके बाद मंदिर परिसर स्थित मुचलिन्द सरोवर, रत्न गृह, चंक्रमण, अजपाल निग्रोधा वृक्ष, राजयत्न वृक्ष का भी अवलोकन किया। सम्मान और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में केइची ओनो व दल के अन्य सदस्यों को डा. बुद्ध रत्न. सचिव डा. महाश्वेता महारथी, सदस्य अरविंद सिंह व किरण लामा ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।
जापानी राजदूत ने 97 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी आशा सहाय से मुलाकात की
बता दें कि जापानी राजदूत ने पटना में 97 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी आशा सहाय से मुलाकात की। इस अनुभव को भी उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर साझा किया।
उन्होंने लिखा कि मुझे स्वतंत्रता सेनानी आशा सहाय चौधरी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिनका जन्म 1928 में हुआ था और वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरित होकर झांसी की रानी रेजिमेंट में शामिल हुईं और भारत की स्वतंत्रता के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
मैं उनकी मातृभूमि के प्रति समर्पण की गहराई से प्रशंसा करता हूं और उनके निरंतर स्वास्थ्य की कामना करता हूं। इसके साथ ही जापान के राजदूत ने बिहार राष्ट्रीय राजमार्ग सुधार परियोजना का दौरा किया। इस परियोजना से राज्य के भीतर यात्रा के समय में काफी कमी आने और इसके पर्यटन और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है।
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