गया बना राज्य में SC-ST पीड़ितों को सर्वाधिक राहत देने वाला जिला, 113 पीड़ितों पर 1.32 करोड़ का व्यय
गया बिहार राज्य में SC-ST पीड़ितों को सर्वाधिक राहत देने वाला जिला बन गया है। जिले में 113 पीड़ितों को 1.32 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की गई है। ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गयाजी। जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बताया गया कि 113 पीड़ितों को प्रथम किस्त और 46 को द्वितीय किस्त का भुगतान किया गया है।
इसके अलावा, एक लाभुक को अंतिम किस्त भी दी गई है। इस प्रकार, गया जिला राज्य में सर्वाधिक पीड़ितों को लाभान्वित करने वाला जिला बन गया है, जिसमें कुल 01 करोड़ 32 लाख 92 हजार 04 सौ 32 रुपये का व्यय हुआ है। हत्या से संबंधित कुल पांच मामलों में राहत अनुदान प्रदान किया गया है। पूर्व के हत्या मामलों में 86 आश्रितों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में जिला कल्याण विभाग के कार्यालय में कोई भी मुआवजा लंबित नहीं है।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मामलों में अत्यंत गंभीर है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यह है कि संबंधित पीड़ित परिवारों को तुरंत सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन मामलों में अभियुक्त फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी में तेजी लाई जाए और चार्ज शीट दायर करने में किसी भी प्रकार की देरी न हो।
जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि सितंबर 2020 के बाद से एससी-एसटी केस में हत्या के मामलों में मृतक के आश्रित को चतुर्थ ग्रेड में अनुकंपा की नौकरी दी जानी है। इसके लिए संबंधित मामलों में जिला अनुकंपा समिति को आवश्यक कागजात सौंपे गए हैं। जिला पदाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगले सात दिनों के भीतर हत्या के मामलों में पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी के लिए अनुकंपा समिति की बैठक आयोजित करें।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ितों को टीए और डीए प्रदान किया जाएगा। टिकारी एवं खिजरसराय में अनुसूचित जाति के हत्या के मामलों में पीड़ित परिवार को अब तक सहायता न देने के मामले में जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी टिकारी और जिला कल्याण पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है।
डीएम ने मगध मेडिकल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने में कोई देरी न हो। यदि मगध मेडिकल अस्पताल से समय पर इंजरी रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है, तो जिला पदाधिकारी ने अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था की अध्यक्षता में जिला कल्याण पदाधिकारी के साथ जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया है।
अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति मामलों के तहत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आने वाले पीड़ितों को टीए-डीए दिया जा रहा है। कुल 29 केस में पीड़ितों को टीए-डीए प्रदान किया गया है, जिसमें 200 रुपये और श्रम संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित दैनिक मजदूरी की एक दिन की रकम दी जाती है। वर्तमान में श्रम संसाधन विभाग की दैनिक राशि 412 रुपये निर्धारित है।

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