Gaya News: गया से अप्रैल तक सभी इंटरनेशनल फ्लाइट हो जाएंगी बंद! सामने आई बड़ी वजह
गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन धीरे-धीरे बंद हो रहा है। भूटान के ड्रक एयरवेज की उड़ान पहले ही बंद हो चुकी है। थाई एयर एशिया और म्यांमार एयरवेज इंटरनेशनल ने भी अपनी उड़ानों की संख्या में कटौती की है। मार्च के अंत तक लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हो जाएंगी। केवल इंडिगो का विमान घरेलू उड़ान प्रतिदिन भरता रहेगा।

जागरण संवाददाता, बोधगया। शरद मौसम में विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में आयोजित होने वाले विश्व शांति के निमित्त बौद्धों के हीनयान व महायान पंथ के विभिन्न पूजाओं का दौर अब समाप्त हो गया है।
पूजाओं का दौर समाप्त होते ही गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय उड़ान के तहत आने वाले विमानों का परिचालन भी एक एक कर बंद होने लगे हैं।
भूटान के ड्रक एयरवेज की उड़ान पहले बंद हुई। जो बैंकाक से गया होते पारो और पारो से गया होते बैंकाक सप्ताह में दो दिन उड़ान भरती थी।
बोधगया में पर्यटन मौसम शुरू होने के साथ ही 10 अक्टूबर 2024 से अंतरराष्ट्रीय विमान का परिचालन गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आरंभ हुआ था।
इसमें थाईलैंड के थाई एयर एशिया का विमान पहले सप्ताह में दो दिन और बाद में फिर सात दिन उड़ान भरने लगा।
फिर थाई एयर एशिया की विमान ने अपनी उड़ान की संख्या में कटौती कर दी और सप्ताह में तीन दिन उड़ान भरने लगा।
सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ाने हो जाएंगी बंद
- म्यांमार नेशनल एयरलाइंस में सप्ताह में दो दिन उड़ान शुरू किया। उसके बाद म्यांमार एयरवेज इंटरनेशनल में सप्ताह में छह दिन यंगून-गया-यंगून के बीच उड़ान सेवा शुरू की।
- एयरपोर्ट निदेशक बंगजीत साहा ने बताया की मार्च माह के अंत तक लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद हो जाएगी। जिसमें थाईलैंड की कई विमान शामिल हैं।
- संभावना है कि अप्रैल माह तक म्यांमार से एक- दो विमानों का परिचालन जारी रहेगा, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ान के तहत आना जाना करेगा।
- इसके अलावा केवल इंडिगो का विमान घरेलू उड़ान के तहत नई दिल्ली- गया- कोलकाता और कोलकाता- गया- नई दिल्ली के बीच प्रतिदिन उड़ान भरता रहेगा।
27 फरवरी को समाप्त हुई पूजा
बता दें कि सात अक्टूबर 2024 से विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में विश्व शांति के निमित्त पवित्र बोधिवृक्ष व महाबोधि मंदिर परिसर में विभिन्न बौद्ध संगठनों द्वारा पूजा का दौर आरंभ किया गया था। जो 27 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया।
श्रीलंकाई विमान के बंद होने से पर्यटकों की संख्या में आई कमी
डेढ़ दशक पहले तक बुद्धभूमि बोधगया में अगस्त माह से पर्यटन मौसम की आगाज श्रीलंकाई पर्यटक करते थे। अब तो पर्यटन मौसम का दायरा बढ़ गया है। पहले पर्यटन मौसम तीन माह का होता था।
श्रीलंकाई पर्यटकों की संख्या देखकर हर वर्ग के व्यवसायी पर्यटन मौसम में आने वाले अन्य देशों के पर्यटकों की संख्या का अनुमान लगा लेते थे। लेकिन आज स्थिति इसके विपरीत है।
गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यू तो लगभग दो दशक पहले श्रीलंका के मिहिन लंका एयरलाइंस का पहला विमान अंतरराष्ट्रीय उड़ान के तहत उतरा था। लेकिन वर्ष 2018 से श्रीलंका का विमान का आगमन गया नहीं हो रहा है।
जिसके कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। कोरोना और श्रीलंका में उत्पन्न हालात भी इसके कारण रहे हैं। फिलवक्त जो भी श्रीलंकाई पर्यटक बोधगया आ रहे हैं, वे दिल्ली और कोलकाता होकर पहुंच रहे हैं। जिन्हें बुद्धभूमि आना काफी महंगा पड़ रहा है।
पर्यटन मौसम में श्रीलंका से दो विमान का परिचालन प्रतिदिन होता था। बीच में एक विमान नियमित उड़ान भरता था। लेकिन वर्ष 2018 से वह भी बंद है।
बीच में मिहीन लंका एयरलाइंस कोलंबो से वाराणसी के बीच उड़ान शुरू किया था। अब वो भी बंद है। बोधगया में श्रीलंका पर्यटकों के लिए जहां पावन महाबोधि मंदिर और बोधिवृक्ष पूजनीय है, वहीं महाबोधि सोसाइटी के संस्थापक अनागारिक धम्मपाल व जय श्री मंदिर को नमन भी जरूरी होता है।
महाबोधि मंदिर में शील के तहत सफेद वस्त्र धारण कर जाते हैं और बौद्ध भिक्षु के उपदेश का श्रवण करते हैं। तो महाबोधि सोसाइटी में सफेद वस्त्र में ही भिक्षुओं को संघ दान यानि भोजन दान के पश्चात स्वंय भोजन ग्रहण करते हैं।
श्रीलंका पर्यटक प्रायः बौद्ध सर्किट परिभ्रमण के तहत बोधगया आते हैं। दो दिनों में बोधगया के आसपास के बौद्ध स्थलों का भी परिभ्रमण करते हैं। श्रीलंकाई पर्यटक यहां खरीदारी खूब करते हैं। जिससे स्थानीय हर वर्ग के व्यवसायी को आय होता है।
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