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    Gaya: जिस शहर में लगाती थीं झाड़ू, जनता ने बना दिया वहीं का डिप्टी मेयर

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Sat, 31 Dec 2022 01:33 AM (IST)

    गया के लोगों ने साबित कर दिया कि लोकतंत्र की ताकत कितनी बड़ी होती है। गया के लोगों ने साठ साल की उम्र तक सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली महिला को शहर की डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बिठा दिया

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    गया में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली चिंता देवी बनी डिप्टी मेयर।

    संजय कुमार, गया। साठ वर्ष की उम्र तक गया की सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली चिंता देवी के सेवा भाव ने जनता को इतना प्रभावित किया कि अब उन्हें उसी शहर की डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बिठा दिया। शुक्रवार की रात आए इस परिणाम ने यह भी बता दिया कि लोकतंत्र में अवसर सबके लिए है, शर्त बस इतनी कि वह जनता का विश्वास जीत ले और चिंता देवी ने यही किया। इसके साथ ही यह भ्रम भी तोड़ दिया कि चुनाव मैदान में जाने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का भी आकलन करना होता है।वे अनपढ़ हैं, पर जनता ने यह समझ लिया कि स्वच्छता और अपने दायित्व निर्वहन की पढ़ाई उन्होंने बहुत अच्छे से की है। वे तो दो साल पहले तक गया निगम में मामूली सफाईकर्मी थीं। पति का स्वर्गवास हो चुका है।

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    तीनों पुत्र भी नगर निगम में ही दैनिक मजदूरी पर सफाईकर्मी के रूप में हैं कार्यरत 

    गली-मोहल्लों में झाड़ू लगाना, शहर को स्वच्छ रखना उनका कार्य था। उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपने दायित्व का निर्वहन किया। बस इतनी भर कमाई थी कि दो वक्त की रोटी मिल सके। वर्ष 2020 तक वे झाड़ू लगाती रहीं। सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनकी यह आदत छूटी नहीं। दो वर्षों तक लगातार सेवा करती रहीं। आजीविका के लिए नींबू बेचना भी शुरू किया। उनके तीन पुत्र भी नगर निगम में ही दैनिक मजदूरी पर सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत हैं। नगर निकाय चुनाव की घोषणा हुई तो शहर के लोगों ने उन्हें भी मैदान में उतरने को कहा। उनके लिए यह स्वप्न स²श्य था, पर सबके स्नेह और साथ को देखते हुए नामांकन कर दिया। 11 प्रत्याशियों के बीच किसी एक को डिप्टी मेयर चुना जाना था।

    लोग इतना मान देंगे, नहीं सोचा था: चिंता देवी

    चिंता देवी ने भी इस पद के लिए नामांकन किया था, इसमें उनको सबसे अधिक वोट मिले, इस आधार पर उनको डिप्टी मेयर चुना गया। वे कहती हैं कि यह कभी नहीं सोचा था कि यहां तक की यात्रा भी कभी तय करूंगी। बोलते-बोलते उनका गला भर्रा जाता है। वे कहती हैं कि लोग इतना मान देंगे, नहीं सोचा था। अपना काम करते रहें तो जनता भी सम्मान देती है। जिस कार्यालय में झाड़ृ लगाने वाली के रूप में कार्यरत थीं, अब वहीं से बैठकर पूरे शहर की स्वच्छता के लिए योजनाएं बनाएंगी और अधिकारियों को निर्देश देंगी। यही तो लोकतंत्र है-जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा संचालित सरकार, जिसके एक उदाहरण के रूप में ¨चता देवी उपस्थित हैं। 

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