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    गया जीआरपी का थानेदार ही निकला सोना लूट का मास्टरमाइंड, अपने ही बयान पर दर्ज कराया था केस; निलंबित

    By Shubhas KumarEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 12:13 PM (IST)

    गया रेल थाना क्षेत्र में हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस में एक किलो सोना लूट मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में गया रेल थानाध्यक्ष राजे ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, गयाजी। गया रेल थाना क्षेत्र में सामने आए सनसनीखेज सोना लूट कांड ने रेल पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हावड़ा–जोधपुर एक्सप्रेस में एक किलो सोना लूट के मामले में आखिरकार कार्रवाई की गाज खुद गया रेल थानाध्यक्ष पर ही गिर गई। 

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    प्रारंभिक जांच में लूट की साजिश में शामिल पाए जाने के बाद थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उनके साथ गया रेल थाना के चार सिपाहियों को भी सस्पेंड किया गया है। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत भी केस दर्ज किया गया है।

    अपने ही बयान पर दर्ज कराया था कांड

    रेल पुलिस के अनुसार, 21 नवंबर को हावड़ा–जोधपुर एक्सप्रेस में कोडरमा–गया के बीच एक किलो सोना, जिसकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई, लूट लिए जाने की सूचना मिली थी। इस संबंध में गया रेल थाना कांड संख्या 334/25 थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने अपने ही लिखित बयान पर दर्ज कराया था। कांड में बीएनएस की धारा 309(4) लगाई गई थी।

    हालांकि, जब मामले की परत-दर-परत जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जांच में यह बात सामने आई कि जिस घटना का केस दर्ज कराया गया, उसी लूट में थानाध्यक्ष की भी संलिप्तता थी। इसके बाद वरीय अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया।

    चार सिपाहियों पर भी कार्रवाई

    इस लूट कांड में गया रेल थाना के चार पुलिसकर्मी करण कुमार, अभिषेक चतुर्वेदी, रंजय कुमार और आनंद मोहन भी शामिल पाए गए। सभी को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ गया रेल थाना में लूट और पीसी एक्ट की धाराओं में अलग से प्राथमिकी दर्ज की गई है।

    बताया गया कि इन पुलिसकर्मियों ने अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग करते हुए पूरी साजिश को अंजाम दिया। रेल एसपी ने थानाध्यक्ष समेत चारों सिपाहियों के निलंबन की पुष्टि की है।

    क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर रची गई साजिश

    सूत्रों के मुताबिक, गया रेल पुलिस का क्षेत्राधिकार कोडरमा तक नहीं है। इसके बावजूद निलंबित पुलिसकर्मी निजी व्यक्ति परवेज आलम और गया रेल थाना के पूर्व चालक सीताराम के साथ मिलकर कोडरमा पहुंचे। 

    सूचना मिली थी कि कानपुर के सोना कारोबारी मनोज सोनी के स्टाफ धनंजय शाश्वत 21 नवंबर को एक किलो सोना लेकर हावड़ा–जोधपुर एक्सप्रेस की जनरल बोगी से यात्रा कर रहा है।

    योजना के तहत सभी लोग किसी अन्य ट्रेन से गया से कोडरमा पहुंचे। जैसे ही हावड़ा–जोधपुर एक्सप्रेस कोडरमा स्टेशन पर रुकी, ये सभी उसमें सवार हो गए। गया पहुंचने से पहले धनंजय शाश्वत को जबरन ट्रेन से उतारा गया, उसके साथ मारपीट की गई और सोने की बिस्किट लूट ली गई।

    सांसद की सूचना पर बनी एसआईटी

    घटना के बाद खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा ने मामले की जानकारी पटना रेल एसपी को दी। इसके बाद पटना रेल पुलिस के तीन डीएसपी की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई। एसआईटी की जांच में ही पूरे मामले का खुलासा हुआ।

    रेल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस कांड में शामिल अन्य रेल पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

    पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

    थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मियों के निलंबन से रेल पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस की साख को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें एसआईटी की आगे की जांच और संभावित नई कार्रवाइयों पर टिकी हैं।