वजीरगंज, संवाद सूत्र: "जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं" यह संकल्प वाक्‍य है पर्वत पुरुष स्वर्गीय दशरथ मांझी का, जिन्‍होंने अपने संकल्प को पूरा करके ही दम लिया। अब उन्हें भारत रत्न की उपाधि दिलाने के लिए उन्हीं की तर्ज पर उनके ही संकल्प को दोहराते हुए गया के एक कर्मयोगी सत्येंद्र गौतम के नेतृत्व में तेरह सदस्यों का एक जत्था पैदल दिल्ली के लिए चल पड़ा है।

यह जत्था सोमवार को वजीरगंज के बभंडी से रवाना हुआ, जो आज (मंगलवार को) गया पहुंचेगा। जदयू के वरिष्ठ नेता सह धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य चंदन कुमार सिंह ने इस जत्‍थे को पौधे बांटकर हरी झंडी दिखा रवाना किया। सभी बीते रविवार को गेहलौर घाटी से चले थे, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तिरंगा दिखाकर गति दी थी। वे लोग रविवार की रात्रि को बभंडी में विश्राम करने के बाद सोमवार को अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए थे।

दशरथ मांझी हमारे लिए अकेले दिल्‍ली तक पैदल चले: सत्येंद्र गौतम

सत्येंद्र गौतम जो पूर्व में बिहार बाल संरक्षण आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं और अब अपने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षक तथा "गवाभा मैन" के नाम से प्रचलित हो रहे हैं ,उन्होंने कहा कि जब दशरथ मांझी अकेले हमारे लिए दिल्ली तक पैदल चल लिए थे तो हम एक काफिले के साथ क्यों नहीं दिल्ली पहुंच सकते हैं। हम दिल्ली पहुंच कर केंद्र सरकार से पर्वत पुरुष को भारत रत्न की उपाधि देने की मांग करेंगे। चंदन कुमार सिंह ने इनका हौसला बढ़ाते हुए कहा कि स्व दशरथ मांझी एक प्रेरणा पुरुष थे। मौके पर पार्षद दिनेश सिंह, अरविंद कुमार लोहानी, महेश प्रसाद सिंह, अरविंद सिंह, नित्यानंद कुमार, दिलीप प्रजापत थे।

यह भी पढ़ें- Bihar: 'नीतीश कुमार कहें, हम अभी परिषद की सदस्यता छोड़ देंगे'- उपेंद्र; बोले- जदयू किसी एक व्‍यक्ति की नहीं

यह भी पढ़ें- Patna: सिलेंडर फटने से लगी आग में छह झुलसे, धमाके की आवाज से पड़ोसी की हार्ट अटैक से मौत

Edited By: Prateek Jain