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    Gaya News: गरीबों की मसीहा बनीं मुखिया चमेली देवी, अपने पैसों से एम्बुलेंस खरीद कई मरीजों की बचाई जान

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 03:44 PM (IST)

    गया जिले के डोभी प्रखंड की पचरतन पंचायत की मुखिया चमेली देवी ने अनूठी मिसाल पेश करते हुए पंचायत में मुफ्त एम्बुलेंस सेवा शुरू की। 2021 में निर्वाचित होने के बाद उन्होंने देखा कि गरीब लोग एम्बुलेंस की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने साढ़े सात लाख रुपये की लागत से एम्बुलेंस खरीदी और पंचायतवासियों के लिए मुफ्त सेवा शुरू की।

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    मुखिया चमेली देवी अपने पैसों से एम्बुलेंस खरीद बचा रही मरीजों की जान। फाइल फोटो

    नीरज कुमार मिश्र, डोभी। गया जिले के डोभी प्रखंड के पचरतन पंचायत की मुखिया चमेली देवी ने अपने कार्यकाल में एक अनोखी मिसाल पेश की है। 2021 में मुखिया निर्वाचित होने के बाद उन्होंने चुनावी वादों से आगे बढ़कर ऐसा कदम उठाया, जिसने हजारों लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण जगा दी।

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    पंचायत के लोगों को समय पर एम्बुलेंस सुविधा न मिलने और कई मरीजों को दम तोड़ते देखने का दर्द चमेली देवी के मन में गहराई से उतर गया था।

    चुनाव के दौरान उन्होंने देखा कि ज्यादातर गरीब लोग एम्बुलेंस की अनुपलब्धता से जूझते हैं। कई बार सरकारी एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाती थी, जिससे मरीजों की हालत बिगड़ जाती थी या उनकी जान चली जाती थी।

    विशेषकर पंचायत के अच्छवा गांव की एक दर्दनाक घटना ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। इसी अनुभव ने उन्हें प्रण दिलाया कि मुखिया बनने के बाद सबसे पहले अपने पैसों से एम्बुलेंस खरीदेंगी।

    मुखिया बनने के मात्र छह महीने बाद चमेली देवी ने यह वादा पूरा किया। साढ़े सात लाख रुपये की लागत से उन्होंने खुद की एम्बुलेंस खरीदी और पंचायतवासियों के लिए इसे फ्री सेवा के रूप में शुरू किया।

    पचरतन पंचायत, जिसमें 15 वार्ड, छह गांव और 15 टोले शामिल हैं, की लगभग 10 हजार की आबादी को यह सेवा बिना किसी शुल्क के उपलब्ध है।

    अब तक इस एम्बुलेंस के जरिए करीब सैकडों मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। गंभीर मरीजों को गया, रांची, पटना, वाराणसी, चतरा, औरंगाबाद, बरही और चौपारण स्थित अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

    इस सेवा का पूरा खर्च चमेली देवी खुद उठाती हैं। न ईंधन के पैसे, न चालक का किराया, न ही किसी तरह की फीस मरीजों से ली जाती है। चमेली देवी का कहना है कि यह एम्बुलेंस केवल एक वाहन नहीं, बल्कि उनकी पंचायत के लिए जीवनरेखा है।

    चुनाव के समय मैंने शपथ ली थी कि गरीबों को समय पर इलाज दिलाने में कोई कमी नहीं रहने दूंगी। जब तक मैं सक्षम हूं, यह सेवा निःशुल्क चलती रहेगी।

    पंचायत के लोग भी मुखिया के इस कदम की सराहना करते नहीं थकते। उनका मानना है कि यह पहल न केवल इंसानियत की मिसाल है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है।

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