सासाराम-आरा रेलखंड पर मंजूरी तो मिली लेकिन कब खुलेगा रेल थाना, ढाई वर्षों से हो रहा इंतजार
सासाराम में रेल डीएसपी व आरा-सासाराम रेलखंड पर बिक्रमगंज व नोखा में रेल थाना व रेल पीपी को पूरी तरह से कार्यरत होने में अभी समय लगेगा। सरकार से इसे खोलने की स्वीकृति तो मिल गई है परंतु अधिकारी व कर्मियों की नियुक्ति पररेल प्रशासन से सहमति नहीं मिली है।

जासं, सासाराम (रोहतास)। सासाराम में रेल डीएसपी व आरा-सासाराम रेलखंड पर बिक्रमगंज व नोखा में रेल थाना व रेल पीपी को पूरी तरह से कार्यरत होने में जिले के लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। सरकार से रेल थाना व पीपी के अलावा डीएसपी कार्यालय खोलने की स्वीकृति तो मिल गई है, परंतु पदस्थापित होने वाले अधिकारी व कर्मियों की नियुक्ति पर भारतीय रेल प्रशासन से अभी तक सहमति नहीं मिल सकी है।
आरटीआइ से सामने आया मामला
इस बात का पर्दाफाश आरटीआइ से हुआ है। गृह विभाग बिहार सरकार से मांगी गई सूचना में अवर सचिव सह लोक सूचना पदाधिकारी गिरीश मोहन ठाकुर ने कहा है कि रेल डीएसपी, थाना व ओपी सृजन की स्वीकृति प्रशासी पदवर्ग समिति से इस शर्त के साथ गई है कि पदों पर नियुक्ति से पूर्व 50 फीसद व्यय भार वहन किए जाने के लिए भारतीय रेल प्रशासन से सहमति लेना अनिवार्य होगा। इसको लेकर मुख्य सचिव स्तर पर रेलवे अधिकारियों के साथ छह अगस्त 2018 को बैठक भी हुई थी। उस बैठक में रेल थाना व ओपी सृजन व उसके संचालन के लिए विभिन्न कोटि के पदों की स्वीकृति पर रेलवे बोर्ड द्वारा 50 फीसद प्रतिपूर्ति का दावा बरकरार रखा गया। राज्य सरकार द्वारा पूर्ण व्यय वहन कर रेल पुलिस के नये थाने व ओपी के निर्माण व पदों पर सृजन पर सैंद्धांतिक सहमति प्राप्त करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। जबकि रेलवे ने डीएसपी कार्यालय खोलने के लिए सासाराम में जमीन भी मुहैया करा दी है।
सबसे बड़ा सवाल यह कि सरकार ढाई वर्ष बाद भी इस मामले मे अंतिम निर्णय नही ले सकी है।गौरतलब है कि 2009 में आरा-सासाराम रेलखंड पूरी तरह से चालू होने व रेलवे स्टेशन पर घटी घटनाओं के मद्देनजर ने तत्कालीन डीएम व एसआरपी ने इसकी अनुशंसा की थी। इसका प्रस्ताव भी भेजा था। लेकिन मामला अटका हुआ है।
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