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    अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर से बदलेगी गया शहर की सूरत, डेवलप होगी स्मार्ट सिटी; केंद्र ने दी मंजूरी

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 04:32 PM (IST)

    अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत गया को औद्योगिक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से न केवल गया बल्कि आसपास के कई जिलों को भी फायदा होगा। कॉरिडोर के निर्माण से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बता दें कि इस कॉरिडोर से सात राज्यों के 20 शहरों को सीधा फायदा मिलेगा।

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    अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर से बदलेगी गया शहर की सूरत

    नीरज कुमार मिश्र, डोभी (गया)। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर केंद्र सरकार की एक प्रस्तावित परियोजना है। यह कॉरिडोर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। इस कॉरिडोर का उद्देश्य इन राज्यों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। गया में तत्काल हवाई, रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 की सुविधा बहाल है। जिससे उत्पादित सामान को ट्रांसपोर्टेशन के लिए दिक्कत नहीं होगी। वहीं, स्थानीय कई बाजार भी मौजूद हैं।

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    केंद्र सरकार ने औद्योगिक कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत गया का भी औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चयन किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित जमीन में 1113.92 एकड़ जमीन में मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाया जाएगा। इसके अलावा, बची हुए जमीन पर सड़क, खुली जगह और विभिन्न तरह की यूटिलिटी सर्विस बनेगी। इस कॉरिडोर से सात राज्यों के 20 शहरों को सीधा फायदा मिलेगा।

    इन जिलों को मिलेगा फायदा

    जिसमें बिहार के गया जिले के अलावा पंजाब राज्य के अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, सहारनपुर, दिल्ली राज्य के दिल्ली, रूढ़की, उत्तरप्रदेश राज्य के हरिद्वार, देहरादून, मेरठ, मुजफ्फरपुर, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, बिहार राज्य के गया, झारखंड राज्य के बोकारो, हजारीबाग, धनबाद, पश्चिम बंगाल राज्य के आसनसोल, दुर्गापुर और वर्धमान जिला शामिल है।

    इन जिलों को उद्योग के मामले में बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है। इसी को देखकर इन जिलों को शामिल किया गया है। इस जगह पर सोलर प्लांट, इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग, ऑटो पार्ट्स मशीनरी, ऑटो, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, इंटरनेशनल कन्वेंशन प्लास्टिक हब लगाए जाने की संभावना है। इस कॉडिरोर का विस्तार चार चरण में होना है। जिसमें लगभग एक हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां लगेंगी। इस कॉरिडोर का ट्रैक 1839 किलोमीटर होगा।

    इसके लिए अलग रेलवे लाइन पर स्पेशल गुड्स ट्रेन चलेगी। ये रेलवे काफी तीव्र गति से चलेगी जो औद्योगिक उत्पादों को इधर से उधर लाने ले जाने का कार्य करेगी। केंद्र की सरकार ने जीतनराम मांझी के मंत्रित्वकाल में इसे कैबिनेट से मंजूरी दे दी, जबकि इसका चयन तत्कालीन उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के द्वारा लगभग चार साल पहले किया गया था।

    इस कॉरिडोर के निर्माण से औद्योगिक स्मार्ट सिटी के तहत गया का चयन किया गया है। जिसमें शहर को भी विकसित करने की योजना की मंजूरी दी है। शहर में सड़क, परिवहन, वाहन पड़ाव, बिजली, पानी से लेकर रिहायशी क्षेत्रों को विकसित करते हुए मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाना सुनिश्चित करना है।

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