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    Bihar Politics: क्या चिराग से हाथ मिलाएंगे पशुपति? चुनाव से पहले दे दिया बड़ा बयान, कहा- हमारे साथ...

    पशुपति पारस ने खुद को रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी बताया और चिराग पासवान के रास्ते से अलग होने की बात कही। उन्होंने कहा कि एनडीए के साथ ईमानदारी से हैं लेकिन पार्टी की बैठक में भविष्य के फैसले लिए जाएंगे। पशुपति पारस ने दलितों और महादलितों के बीच विभाजन को कानूनी अपराध बताया और पासी समाज के ताड़ी के धंधे पर प्रतिबंध को गलत बताया।

    By Sanjay Kumar Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 09 Dec 2024 07:40 PM (IST)
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    क्या चिराग से हाथ मिलाएंगे पशुपति? चुनाव से पहले दे दिया बड़ा बयान

    जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने कहा है कि हमारे साथ नाइंसाफी हुई है। राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर एनडीए (NDA) को चुना। मैं ईमानदारी से एनडीए के साथ हूं। भविष्य में क्या होगा, यह पार्टी की बैठक में तय होगा।

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    पशुपति पारस ने दोहराया कि जो पार्टी के लिए हितकर होगा, वही निर्णय लिया जाएगा। वे सोमवार को मोतिहारी स्थित जिला अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बता दें कि पशुपति पारस को बीते कुछ समय से एनडीए में बिल्कुल तवज्जों नहीं मिल रही है।

    चिराग पर बोले पशुपति पारस

    उन्होंने कहा कि मैं ही रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) का उत्तराधिकारी हूं। उनकी राह पर चल रहा हूं। चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अलग राह चुनी है। मेरा उनके साथ जाना संभव नहीं है।

    'अंग्रेजों के समय ही चौकीदार-दफादार...'

    उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय से ही चौकीदार-दफादार पासवान जाति के लोग बनाए जाते थे। जगन्नाथ मिश्र के मुख्य मंत्रित्वकाल में उनके लिए कुछ अच्छे निर्णय लिए गए। मगर आज की सरकार इस समाज के हितों की अनदेखी कर रही है। बिहार सरकार ने इस पद के लिए अब जेनरल बहाली से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया है। इस निर्णय को वापस लेने के लिए जनवरी के प्रथम सप्ताह में पटना में महाधरना का आयोजन किया जाएगा।

    'सरकार ने दलित और महादलित का बंटवारा कर...'

    उन्होंने कहा कि सरकार ने दलित और महादलित का बंटवारा कर कानूनी अपराध किया है। इसके खिलाफ पार्टी की दलित सेना संघर्ष करेगी। उन्होंने पासी समाज के संबंध में कहा कि शुरू से इनका ताड़ी का धंधा रहा है। इस काम पर पाबंदी गलत है। इसके लिए सरकार को सोचना चाहिए। शराबबंदी ठीक है, लेकिन इसका क्रियान्वयन सही नहीं है। इसे प्रभावी बनाया जाना चाहिए।

    कौन-कौन मौजूद रहा?

    मौके पर प्रधान महासचिव केशव सिंह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलाउद्दीन खां, दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दाहा, राष्ट्रीय महासचिव अंबिका प्रसाद बीनू, वीरेश्वर सिंह एवं प्रमोद कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष नवलकिशोर पांडेय, वैशाली जिलाध्यक्ष पारसनाथ गुप्ता, दलित सेना के जिलाध्यक्ष मदन पासवान आदि थे।

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