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    East Champaran News: रनिंग रूम में लोको पायलट प्रमोद चौधरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 05:49 PM (IST)

    East Champaran News प्रमोद के बगल में सोए सहकर्मी लोको पायलट ने गिरने की आवाज सुनी। उन्होंने देखा कि प्रमोद के सिर में गहरी चोट लगी है। इसके बाद अन्य सहयोगियों की मदद से उन्हें स्थानीय डंकन अस्पताल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने रेफर कर दिया।

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    मृत लोको पायलट प्रमोद कुमार। फोटो सौ. विभाग

     संवाद सहयोगी, रक्सौल (पूर्वी चंपारण)। रक्सौल स्थित रनिंग रूम में लोको पायलट प्रमोद कुमार चौधरी (41) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया जाता है कि वे बेड से नीचे गिर पड़े, जिसके बाद उनके सिर में गंभीर चोट लग गई और खून बहने लगा।

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    बगल में सोए सहकर्मी लोको पायलट ने गिरने की आवाज सुनी और देखा कि प्रमोद के सिर में गहरी चोट है। अन्य सहयोगियों की मदद से उन्हें स्थानीय डंकन अस्पताल ले जाया गया, जहां से चिकित्सकों ने रेफर कर दिया।

    रक्सौल रनिंग रूम में जांच करने पहुंचे एडीआरएम आलोक कुमार झा व आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरके सिन्हा। जागरण 

    इसके बाद उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल, रक्सौल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही एडीआरएम आलोक कुमार झा रक्सौल पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों के साथ रनिंग रूम में पहुंचकर मामले की जांच की।

    मृतक के स्वजनों को सूचना देकर बुलाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक लोको पायलट प्रमोद चौधरी पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के परसौनी गांव निवासी सत्यदेव राम रजक के पुत्र थे।

    उनका हेडक्वार्टर नरकटियागंज था। शुक्रवार सुबह 10 बजे वे नरकटियागंज से ट्रेन लेकर रक्सौल आए थे और शनिवार तड़के 4 बजे उन्हें ट्रेन लेकर वापस जाना था। जानकारी के अनुसार अल सुबह करीब ढाई बजे वे जागे और बेड से उठते समय चक्कर आने के कारण गिरने की चर्चा है।

    रेलवे की ओर से परिजनों को नियमानुसार तत्काल एक लाख दस हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। प्रमोद चौधरी ने वर्ष 2012 में लोको पायलट के रूप में योगदान दिया था। वे एक पुत्र और एक पुत्री के पिता थे।

    एडीआरएम आलोक कुमार झा और आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरके सिन्हा ने बताया कि 15 दिनों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारण का खुलासा हो पाएगा।