सोनालिका ट्रैक्टर के नाम पर आवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, साथ में लगाई भोजपुरी एक्ट्रेस की तस्वीर
पूर्वी चंपारण जिले में फर्जी आवास प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश नाकाम कर दी गई। ऑनलाइन आवेदन में अजीबोगरीब नाम और भोजपुरी अभिनेत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। जिलाधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी का आदेश दिया है। आरटीपीएस आवेदनों की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग रोका जा सके।

संवाद सहयोगी, मोतिहारी। पटना में मेसौढ़ा में 'डॉग बाबू' के नाम पर आवास प्रमाण पत्र निर्गत होने के बाद जिले में भी इस प्रकार फर्जी आवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रयास किया गया है। यह महज संयोग है कि आवास प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो सका व इससे पूर्व मामला पकड़ में आ गया।
इस प्रकार के फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल एवं पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने निर्देश दिया है। कहा गया है कि आवेदक को चिह्नित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी करें।
बता दें कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले ने आवेदिका का नाम सोनालिका ट्रैक्ट्रर, पिता का नाम स्वराज ट्रैक्टर व माता का नाम कार देवी दर्ज किया है। गांव खेत, वार्ड संख्या 09, डाकघर आर, अंचल कोटवा व थाना छौड़ादानो लिखा है।
दिलचस्प बात यह है कि इस आवेदन पर आवेदक की तस्वीर की जगह भोजपुरी अभिनेत्री की तस्वीर लगी है। इस प्रकार के आवेदन सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मचा है।
जांच में मामला पकड़े जाने के बाद पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने प्राथमिकी दर्ज कर आवेदनकर्ता को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। पुलिस अधीक्षक ने कोटवा थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। थानाध्यक्ष प्रत्युष कुमार ने बताया कि आवेदन देने का मामला प्रकाश में आने के बाद उसे रिजेक्ट कर दिया गया है।
इस प्रकार का आवेदन प्राप्त हुआ है। मामला संज्ञान में आने के बाद आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया व आवेदनकर्ता पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी का आदेश दिया है। - सौरभ जोरवाल, जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण
आरटीपीएस पर प्राप्त आवेदनों की गंभीरता से करें जांच: डीएम
जिले में आरटीपीएस के कार्यों की समीक्षा जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी -सह-नोडल पदाधिकारी आरटीपीएस के साथ सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं आईटी सहायक के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की।
लोक सेवा केंद्र के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों यथा जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, एनसीएल एवं अन्य प्रमाण पत्रों का सही तरीके से जांच किए बिना निष्पादन किया जा रहा है, जो लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के अनुकूल नहीं है।
इस संबंध में सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी को सख्त आदेश दिए गए कि वे आवेदनकर्त्ता का स्पष्ट फोटो, पहचान पत्र आदि का ध्यान रखें, लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त सभी आवेदनों का स्थलीय जांच कराएं, आवेदनों का निष्पादन के पूर्व संलग्न साक्ष्य की जांच अनिवार्य रूप से करें।
साथ ही जांचों परांत सभी आवेदनों पर 50 से 100 शब्दों में स्पष्ट मंतव्य अंकित करें। किसी भी स्तर चूक को बर्दाश्त नहीं की जाएगी व संबंधित कर्मियों व अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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