By Dhiraj Kumar SanuEdited By: Mohit Tripathi
Updated: Wed, 15 Nov 2023 07:27 PM (IST)
केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकडों के अनुसार बुधवार को मोतिहारी शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 265 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों की माने तो यह खतरनाक स्तर है। जारी आंकड़ों के अनुसार दीपावली को रात नौ बजे शहर का एक्यूआई 183 दर्ज किया गया था जबकि रात्रि 12 बजे के करीब यह बढ़कर 334 हो गया था। विशेषज्ञों की मानें तो यह अत्यंत खतरनाक स्थिति है।
संवाद सहयोगी, मोतिहारी। महापर्व दिवाली और छठ को लेकर लोगों में उत्साह अपने चरम पर है। शहर की हवा दिन प्रतिदिन बिगडती सेहत लोगों के इस उत्साह और उमंग पर भारी पड़ रही है। बुधवार को केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकडों के अनुसार, मोतिहारी शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 265 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों की माने तो यह खतरनाक स्तर है।
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खासकर हवा में घुले पीएम 2.5 के कण बुर्जुगों, बच्चाें व बीमार लोगों की काया के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। वहीं, अपने परिजनों के साथ त्योहार का आनंद लेने बडे़ शहरों और महानगरों से आए लोग भी यहां के प्रदूषण से खासे परेशान दिख रहे हैं।
अधिक पेड़-पौधे लगाने की जरूरत
गुरुग्राम में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे राहुल बताते हैं कि त्योहार मनाने के लिए अपने शहर आए तो उम्मीद थी कि स्वच्छ हवा व उल्लासपूर्ण वातावरण में उमंग के साथ त्योहारों का आनंद लेने को मिलेगा। तब हवा में इतने प्रदूषण की उम्मीद नहीं थी।
वे पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि जब यहां पढ़ते थे, तब यहां की हवा काफी स्वच्छ हुआ करती थी। इसका कारण यह कि मोतिहारी शहर के अधिकतर क्षेत्र पेड़-पौधों से आच्छादित थे।
दीपावली की रात 3 घंटों में जहरीली हो गई शहर की हवा
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दीपावली के दिन रात नौ बजे शहर का एक्यूआई 183 दर्ज किया गया था, जबकि रात्रि 12 बजे के करीब यह बढ़कर 334 हो गया था। विशेषज्ञों की मानें तो, यह अत्यंत खतरनाक स्थिति है।
जिला महामारी पदाधिकारी डॉ राहुल राज बताते हैं कि हवा में लोग जितना कम धुआं घुलने देंगे उतनी हीं स्वच्छ हवा में सांस ले सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि ग्रीन पटाखों का हीं इस्तेमाल करें। बारूद मिले पटाखे व उनसे निकलने वाली तेज आवाज कई बार जानलेवा साबित होते हैं।
हार्ट फेल्योर का रहता है खतरा
शहर के नामचीन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. निरंजन सागर बताते हैं कि हवा में प्रदूषण का स्तर बढऩे से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। जरूरी है कि प्रदूषण को कम करने के लिए आमजन व प्रशासन दोनों अपनी भूमिका निभाएं।
बकौल डॉ निरंजन हवा में प्रदूषण तत्व बढ़ने से सांस संबंधित रोग होते हैं, जो अस्थामा का रूप भी ले सकते हैं। अस्थमा के गंभीर होने पर हार्ट पर काफी दबाव पड़ता है। इससे आगे चलकर हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है। लोग ज्यादा से ज्यादा मास्क का उपयोग करें। लोगों को भीड़भाड़ वाले जगहों पर भी जाने से बचना चाहिए।
डॉ निरंजन बताते हैं कि प्रदूषण कम हो इसके लिए जरूरी है कि कूडा-कचरा में आग नहीं लगाया जाए। कंस्ट्रक्शन कार्य भी मानक के अनुरूप किए जाएं। लोगो को ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए। हरित पटाखा जलाना हीं बेहतर होता है।
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