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Bihar Jamin Dakhil Kharij: बिना ठोस कारण बताए निरस्त किया दाखिल-खारिज, डीएम के पास पहुंची शिकायत

सदर अंचल के कर्मी अपना कार्य मनमर्जी से कर रहे हैं। अपनी मनमर्जी से कार्य का निपटारा कर रहे हैं। बिना उगाही किए अंचल में किसी भी प्रकार कार्य होना संभव नहीं है। अगर चढ़ावा मिल गया तो दाखिल-खारिज या अन्य कार्यों का निपटारा हो जाएगा। नहीं मिला तो सही भूमि को बेतिया राज का बताकर उसे निरस्त कर दिया जाएगा।

By Sanjay Parihar Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 15 Apr 2024 05:27 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2024 05:27 PM (IST)
बिना ठोस कारण बताए निरस्त किया दाखिल-खारिज, डीएम के पास पहुंची शिकायत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

संवाद सहयोगी, मोतिहारी। सदर अंचल में दाखिल खारिज कराना आसान नहीं है। बिना ठोस कारण बताए दाखिल खारिज के आवेदन को निरस्त कर देना आम बात हो गई है। सदर प्रखंड के कर्मचारियों के इस रवैये के कारण दाखिल-खारिज, परिमार्जन और भूमि स्वामी प्रमाण पत्र लेने वाले लोग त्रस्त हो गए हैं।

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सदर अंचल के कर्मी अपना कार्य मनमर्जी से कर रहे हैं। अपनी मनमर्जी से कार्य का निपटारा कर रहे हैं। बिना उगाही किए अंचल में किसी भी प्रकार कार्य होना संभव नहीं है। अगर चढ़ावा मिल गया तो दाखिल-खारिज या अन्य कार्यों का निपटारा हो जाएगा। नहीं मिला तो सही भूमि को बेतिया राज का बताकर उसे निरस्त कर दिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

सदर अंचल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। नगर निगम क्षेत्र के छतौनी बढई टोला निवासी भरत शर्मा ने डीएम सौरभ जोरवाल को शिकायत पत्र देकर मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने की मांग की है।

बताया है कि सदर अंचल में दाखिल खारिज के लिए 27 नवंबर 2023 को ऑनलाइन आवेदन किया था। जिसका वाद संख्या 6533, 2023-24 है। शहरी क्षेत्र के कर्मचारी से मिलने के बाद बार-बार काम कर देने की बात कहते थे। 19 मार्च 2024 को आवेदन को ऑनलाइन जांच कराया तो मेरे दाखिल खारिज गलत रिपोर्ट कर निरस्त करा दिया गया है। इसको लेकर कर्मचारी के द्वारा हमें नोटिस भी नहीं किया गया। जबकि खतियानी रैयत के वंशज परमेश्वर बढ़ई के पोते हैं।

खतियानी घरारी की दो धूर जमीन है। जिसके लिए उक्त कर्मचारी एक लाख रुपये डिमांड किया गया था। इधर, इस बाबत शहरी क्षेत्र के कर्मचारी शिव सागर सिंह बताया कि आवेदक की जमीन खतियानी है। उक्त जमीन पर कब्जा आवेदक के पट्टीदार का है। अनुमंडल स्तर पर भी मामला चला है। पैसे की डिमांड का आरोप निराधार है।

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