2 लाख रुपये ऐसे ही नहीं मिल जाएंगे, प्रशिक्षण से खुद को तैयार कर रहीं जीविका दीदियां
Jeevika Scheme Bihar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। महिला रोजगार योजना इसी क्रम में आरंभ की ग ...और पढ़ें

Jeevika Loan Scheme: जीविका दीदियों को प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, संग्रामपुर (पूर्वी चंपारण)। Women Self Employment Bihar: स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में जीविका दीदियां लगातार खुद को तैयार कर रही हैं। जीविका परियोजना के तहत दीदी की सिलाई केंद्र योजना के लिए आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन उत्तरी मधुबनी स्थित जीविका कार्यालय परिसर में सादे समारोह के बीच हुआ।
इस प्रशिक्षण में शामिल महिलाओं को सिलाई कार्य की बारीकियों से अवगत कराया गया, ताकि वे भविष्य में अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकें। इसको मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से मिलने वाली राशि से रोजगार शुरू करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
बीपीएम मनोज कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न चरणों में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा सिलाई से जुड़े व्यावहारिक और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण पूरा करने वाली जीविका दीदियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
स्वरोजगार के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि प्रमाण-पत्र मिलने के बाद महिलाएं बैंक से ऋण लेकर सिलाई केंद्र या अन्य स्वरोजगार गतिविधि शुरू कर सकती हैं। इससे न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ेगी, बल्कि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनेंगी।
कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय मुखिया सह मुखिया संघ अध्यक्ष रवि कुमार ने जीविका परियोजना की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं को हुनरमंद बनाना समाज के विकास की सबसे मजबूत नींव है।
जब महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम होती हैं, तो पूरे परिवार और समाज की स्थिति सुदृढ़ होती है। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं दीदियों से अपील की कि वे स्वरोजगार को अपनाकर अपनी पहचान खुद बनाएं।
समारोह के दौरान लगभग तीन दर्जन से अधिक जीविका दीदियों के बीच प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया। दीदियों ने भी प्रशिक्षण के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अब वे खुद के पैरों पर खड़े होकर आय का स्रोत विकसित करने को लेकर आत्मविश्वास से भरी हैं।

जानिए कैसे मिलेंगे ₹10 हजार से ₹2 लाख तक
बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है। दिसंबर 2025 तक की ताजा स्थिति के अनुसार, इस योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से आर्थिक सहायता दी जा रही है, ताकि महिलाएं स्वरोजगार शुरू कर सकें और अपनी आमदनी बढ़ा सकें।
पहले चरण में ₹10,000 की सीधी सहायता
राज्य सरकार की ओर से योजना के तहत जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को ₹10,000 की प्रारंभिक सहायता राशि दी जा रही है। यह राशि महिलाओं को छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने के लिए उपलब्ध कराई जाती है।
इस रूप में कर सकतीं राशि का उपयोग
- सिलाई-कढ़ाई
- अगरबत्ती या मोमबत्ती निर्माण
- ब्यूटी पार्लर
- छोटी दुकान या घरेलू उद्योग
सफल होने पर ₹2 लाख तक की मदद
सरकार की योजना यहीं खत्म नहीं होती। यदि महिला लाभार्थी 6 महीने तक अपना रोजगार सफलतापूर्वक संचालित करती है, तो समीक्षा के बाद उसे ₹2 लाख तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता (ऋण/सहायता) भी दी जा सकती है, जिससे वह अपने व्यवसाय का विस्तार कर सके।

कौन ले सकता है योजना का लाभ?
- आवेदिका बिहार की स्थायी निवासी हो
- आयु 18 से 50 वर्ष के बीच
- महिला का जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ा होना अनिवार्य
- पहले से किसी बड़े सरकारी रोजगार में कार्यरत न हो
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
- ₹10,000 की प्रारंभिक सहायता के लिए महिलाओं को ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है।
- इसके लिए वे
- अपनी नजदीकी जीविका दीदी, या ग्राम संगठन (VO) से संपर्क कर सकती हैं।
- सरकारी जानकारी के अनुसार, आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।