कपड़े तो सूखे पर दरभंगा में ठंड कम नहीं, धूप भी बेबस नजर आई
Darbhanga Latest News : दरभंगा में मौसम में बदलाव आया है। धूप निकलने से लोगों के चेहरे पर मुस्कान आई, लेकिन पछुआ हवाओं के कारण ठंड बरकरार रही। महिलाओं ...और पढ़ें

सात दिन बाद धूप निकलने के बाद घर से बाहर निकले लोग। जागरण
संवाद सहयोगी, दरभंगा। बिहार के दरभंगा में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। गुरुवार की सुबह जब लोग गर्म रजाई से निकल बिस्तर से नीचे आए तो मुस्कान उनके चेहरे पर खेल रही थी।
बाहर से छन कर आ रही धूप बता रही थी कि विगत 19 दिसंबर से आकाश में डेरा डालने वाले बादल और कुहासे की लहर छंट चुकी है। आठ बजे के बाद लोग जैसे ही बाल्कनी और छत पर चाय की चुस्की लेते हुए पहुंचे तो चमकीली धूप ने उनका स्वागत किया।
लेकिन पांच किमी की गति से सिसक रही पछुआ उन्हें कोई भी राहत देने के मूड में नहीं थी। कनकनी बरकरार थी लेकिन धूप भी थी।इसलिए महिलाओं की हिम्मत बढ़ी और कई दिनों से अलगनी पर पड़े अधसूखे कपड़े छत पर सूखने के लिए डाल दिए।
ठंड के कारण घर और बिस्तर की ढंग से साफ सफाई नहीं की गई थी। तो धूप और छुट्टी के दिन का लाभ उठा ते हुए गंदे कपड़ों की धुलाई और घर की सफाई में जुट गई।
भारी रजाई और कंबलों को छत की मुंडेर पर सूखने को डाल दिया। पिछले सात दिनों से घर में बिस्तर पर पड़े बड़े बुजुर्ग भी धूप देखकर बाहर निकलने को मचलने लगे। क्रिसमस की छुट्टी थी तो बच्चे भी धूप का आनंद लेने में पीछे नहीं रहे।
दोनार रोड स्थित क्रिसमस मेले की रौनक बढ़ गई। सवेरे से मोहल्ले के मैदान और खुले स्थल पर धमाचौकड़ी मची रही। बाजारों में भी धूप के खिलने का प्रभाव देखा गया।
लहेरियासराय और दरभंगा टावर की सब्जी मंडी में अपनी पसंद की सब्जियां और फल खरीदने के लिए तो महिलाओं का हुजूम उमड़ा हुआ था। हालांकि शृंगार प्रसाधन की दुकानों पर भी भीड़ कम नहीं थी। मिर्जापुर में कपड़ों की दुकानों से अधिक दुकान के बाहर दाम में छूट वाले गर्म कपड़ों के स्टाल पर तो होड़ मची हुई थी।

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