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    BJP ने संजय सरावगी को हर पद पर परखा, बिहार के नए अध्यक्ष 2005 से चुनाव में बना रहे रिकॉर्ड

    By Mirtunjay BhardwajEdited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 05:01 PM (IST)

    दरभंगा सदर से लगातार पांच बार विधायक रहे संजय सरावगी को बिहार भाजपा की कमान सौंपी गई है। सरावगी, जो वैश्य समाज से हैं, दरभंगा शहर के निवासी हैं। छात्र ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता,  दरभंगा ।  दरभंगा सदर से लगातार पांच बार विधायक रहे, वैश्य समाज की मजबूत आवाज संजय सरावगी को बिहार भाजपा की कमान सौंपी गई है। जमीनी राजनीति से लेकर संगठन की बारीक समझ रखने वाले सरावगी का बिहार का अध्यक्ष बनना, प्रदेश की राजनीति में नए संतुलन और नए संदेश के रूप में देखा जा रहा है। 

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    गांधी चौक से सियासत की शुरुआत

    दरभंगा शहर के गांधी चौक, बड़ा बाजार निवासी संजय सरावगी मारवाड़ी वर्ग से आते हैं, जो वैश्य समाज का हिस्सा है। जन्म 28 अगस्त 1969 को हुआ। वे परमेश्वर सरावगी के पुत्र हैं।

    पढ़ाई में भी आगे, सोच में भी

    संजय सरावगी ने एमकॉम और एमबीए की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ नेतृत्व की सोच छात्र जीवन से ही दिखने लगी।

    छात्र राजनीति से मिली दिशा

    राजनीतिक सफर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई। छात्र जीवन में ही संगठन से जुड़कर नेतृत्व की बुनियाद रखी।

    1995 से भाजपा से जुड़ाव, जिम्मेदारियों की लंबी कतार

    1995 में भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद युवा मोर्चा में अहम जवाबदेही मिली और संगठन में तेजी से भरोसा बढ़ता गया।

    संगठन के हर पायदान पर परखा गया नेतृत्व


    नगर मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, प्रदेश गोवंश प्रकोष्ठ संयोजक, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, कई जिलों में संगठन प्रभारी और सदस्यता प्रभारी—लगभग हर स्तर पर संगठन को साधा।

    नगर निगम से विधानसभा तक का सफर

    पहली दरभंगा नगर निगम के वार्ड छह से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यहीं से विधानसभा की राह खुली।

    2005 से विधानसभा में एंट्री, जीत की हैट्रिक से सिलसिला शुरू


    मार्च 2005 में दरभंगा नगर से भाजपा का टिकट मिला और जीत दर्ज की। उसी साल नवंबर में फिर सफलता मिली।

    हर चुनाव में भरोसे की मुहर

    नवंबर 2010, 2015, 2020 और 2025—हर चुनाव में जनता ने भरोसा जताया। लगातार छह बार विधायक बनकर रिकॉर्ड कायम किया।

    विधानसभा में भी अहम जिम्मेदारी

    2018 में प्राक्कलन समिति के सभापति बने। इसके साथ ही दो कॉलेजों के शासी निकाय अध्यक्ष और दो विश्वविद्यालयों में अभिषद सदस्य रहे।

    मंत्रिमंडल से प्रदेश अध्यक्ष तक

    26 फरवरी 2025 को पहली बार भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का मंत्री बनाया गया। अब संगठन ने एक और बड़ी जिम्मेदारी दी—प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान।

     

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