Bihar: पुष्पम प्रिया चौधरी के पिता व पूर्व MLC विनोद कुमार चौधरी का निधन, 68 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
Former MLC Vinod Kumar Choudhary पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार चौधरी का लहेरियासराय में निधन हो गया। 2020 में खुद को सीएम कैंडिडेट घोषित कर चर्चा में आई पुष्पम प्रिया चौधरी के पिता थे। वे कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे और जदयू से एमएलसी भी रह चुके थे। हालांकि बाद में उनकी बेटी ने अलग पार्टी बना ली थी।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। वरिष्ठ समाजशास्त्री एवं पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार चौधरी का रविवार सुबह निधन हो गया। लहेरियासराय के बलभद्रपुर स्थित आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली।
पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार चौधरी 68 साल के थे। उनके छोटे भाई प्रो. विनय कुमार चौधरी बेनीपुर से विधायक और जदयू के प्रदेश प्रवक्ता हैं।
वे कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी थे और जदयू से एमएलसी भी रह चुके थे। वे अपने पीछे पत्नी डॉ. सरोज चौधरी समेत दो बेटी जूही और पुष्पम प्रिया को छोड़ गए हैं।
बता दें कि 2020 में विनोद कुमार चौधरी अपनी बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Choudhary) को लेकर चर्चा में रहे। उनकी 'लंदन रिटर्न' बेटी ने प्लूरल्स पार्टी नाम से एक पार्टी बना ली थी। उसके बाद खुद को सीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया था।
बेटी के खुद को सीएम कैंडिडेट घोषित करने पर इसे विनोद कुमार चौधरी का नीतीश कुमार से बगावत माना गया। विनोद कुमार चौधरी ने भी बेटी का पक्ष लिया था। हालांकि, पुष्पम को चुनाव में कोई सफलता नहीं मिली।
राजनीतिक करियर
प्रो. चौधरी के राजनीतिक करियर की बात करें तो साल 2008-14 तक दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के विधान पार्षद रहे। वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष से सेवानिवृत्त हुए थे।
उनका पैतृक गांव हायाघाट प्रखंड के विशनपुर गांव स्थित है। वे जदयू के दिग्गज नेता दिवंगत प्रो. उमाकांत चौधरी के ज्येष्ठ पुत्र थे।
छात्र जीवन से ही सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में उनकी सक्रियता रही। छात्रों की विभिन्न समस्याओं के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। शिक्षक बनने के बाद शिक्षक राजनीति में सक्रिय भागीदारी रही।
विनोद कुमार चौधरी ने ललित नाराण मिथिला विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के अधिकारी के रूप में शिक्षक आंदोलनों का नेतृत्व किया। बाढ़ के दिनों में बचाव और राहत कार्यों में विशेष सक्रिय रहे।
मिथिला एवं मैथिली के मान -सम्मान की रक्षा उनकी प्राथमिकता रही। मिथिला युवा केंद्र एवं यंग सोशियोलाजिस्ट फोरम में वर्षों तक सक्रिय रहे। अभी जदयू राज्य परिषद के सदस्य थे।
जिले में शोक की लहर
उनके निधन की सूचना पर उनके आवास पर विभिन्न दलों के नेता, कार्यकर्ता,शुभचिंतकों का जमावड़ा लगा हुआ है। उनके के निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई है।
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