जागरण संवाददाता, दरभंगा। दरभंगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी राजीव रौशन एवं नगर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने संयुक्त रूप से मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार में मंत्री, राज्य सरकार में मंत्री, संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य अथवा विधान परिषद सदस्य पोलिंग एजेंट नहीं बनाए जा सकते हैं। नगर निगम के मेयर, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला परिषद, पंचायत निकाय के चेयरपर्सन भी पोलिंग एजेंट नहीं बन सकते हैं।
वैसे अभ्यर्थी जिनके विरुद्ध आपराधिक मामले या तो लंबित हैं या ऐसे मामले जिनमें दोष सिद्ध हो गया है, उनके द्वारा आपराधिक मामलों संबंधी सूचना अभ्यर्थिता वापस की अंतिम तारीख से लेकर मतदान होने की तारीख के दो दिन पहले तक की अवधि में तीन अलग-अलग तारीख में जिले के लिए विहित समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया जाना है।
(प्रेस वर्ता करते दरभंगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी राजीव रौशन और नगर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य)
खर्च की सीमा 95 लाख रुपये
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में खर्च की सीमा 95 लाख रुपये है। सभी अभ्यर्थियों को निर्वाचन व्यय विवरण लेखा संद्यारण करना होता है। दैनिक व्यय लेखा सफेद (रजिस्टर ए), कैश लेखा-गुलाबी (रजिस्टर बी), बैंक लेखा (पीला रजिस्टर सी) है।
नॉमिनेशन के साथ ही साथ व्यय लेखा पंजी का संधारण किया जाएगा। सभी प्रकार के व्यय के लिए वॉउचर संलग्न करना आवश्यक है। केवल उन मदों के वॉउचर सलग्न नहीं किए जा सकते हैं, जो कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम, 86(2 ) में सूचीबद्ध है,जैसे डाक व्यय, हवाई यात्रा।
यदि इस नियम के द्वारा कोई वाउचर संलग्न नहीं किया जाता है, तो विहित रजिस्टर रजिस्टर में इसका स्पष्टीकरण देना आवश्यक है। प्रत्येक अभ्यर्थी का सैपरेट बैंक अकाउंट होना चाहिए। बैंक खाता नया होना चाहिए एवं बैंक खाता नामांकन की तिथि के एक दिन पूर्व तक खुल जाना चाहिए।
नामांकन के 3 दिन बाद व्यय लेखा पंजी की जांच
अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता या अभ्यर्थी के पक्ष में किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया गया व्यय इसी खाते से निकासी कर किया जाना चाहिए। अभ्यर्थी को अगर नगद चंदा या सहायता राशि प्राप्त होती है, तो उसे भी इस खाते में जमा करने के पश्चात ही निकासी कर खर्च करना अनिवार्य है।
नामांकन के बाद से प्रचार अवधि में तीन बार व्यय लेखा पंजी की जांच करानी होती है। व्यय लेखा अनुश्रवण दल के सामने व्यय प्रेक्षक, सहायक प्रेक्षक, लेखा टीम के अन्य सदस्य अपना व्यय लेखा पंजी सभी वाउचरों सहित जांच हेतु उपस्थापित करेंगे
।
निर्वाचन परिणाम की घोषणा के उपरांत 30 दिन के अंदर सभी अभ्यर्थियों को व्यय लेखा दाखिल करना होता है। दाखिल नहीं करने, अन्यथा त्रुटि पूर्ण रीति से दाखिल करने पर आरपी एक्ट 1951 की धारा-10 ए के तहत निरर्हित घोषित किया जा सकता है।
प्रेस नोट के उपरांत आदर्श आचार संहिता लागू, इसके बाद राजनीतिक दलों के लिए, सभा के लिए रैली के लिए,वाहनों के लिए और अस्थाई निर्वाचन कार्यालय के लिए, लाउडस्पीकर के लिए, हेलीकाप्टर के लिए, हेलीपैड के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है।
सिंगल विंडो सिस्टम सुविधा
24 घंटे के अंदर अनुमोदन की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए 36 घंटे के अंदर आवेदक को अनुमति संसूचित करने का प्रविधान है।
विहित प्रपत्र में आवेदन अनिवार्य है,स्थल का अनापत्ति प्रमाण पत्र अनिवार्य है, विहित प्रपत्र में अनुमानित व्यय विवरणी अनिवार्य है, थानाध्यक्ष का अनापति प्रमाण पत्र, अंचलाधिकारी का अनापति प्रमाण पत्र, वीडियो भैण की अनुमति सीइओ ऑफिस से होनी चाहिए।
मोटरसाइकिल पर एक गुना एक/ दो फीट का एक झंडा अनुमान्य है, झंडे के डंडे की लंबाई 3 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
रोड शो में मैक्सिमम 10 वाहनों का काफिला और उनके बीच 100 मीटर की दूरी बरकरार रखनी है। रोड शो में वाहन पर कोई बैनर प्रयुक्त नहीं हो सकता है और अस्थाई कार्यालय पर अधिकतम 04 गुना 8 फीट का बैनर हो सकता है।
जुलूस में 6 गुना 4 फीट का हैंड हेल्ड बैनर का प्रयोग किया जा सकता है। मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि में किसी पार्टी का अस्थाई/स्थाई कार्यालय नहीं होना चाहिए।
48 घंटे पूर्व होगी
प्रचार प्रसार की समाप्ति
मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पूर्व प्रचार प्रसार की समाप्ति होगी। प्रचार प्रसार के लिए वाहन का प्रयोग सक्षम प्राधिकार से अनुमति के उपरांत होगा। नाम निर्देशन स्थल के 100 मीटर के परिधि में केवल तीन वाहन अनुमान्य है।
मतदान के दिन के लिए अलग से वाहन की अनुमति लेनी होगी।
एक अभ्यर्थी के लिए संपूर्ण संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए, एक निर्वाचन अभिकर्ता के लिए संपूर्ण संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए कार्यकर्ता के लिए एक-एक, मतदान के लिए एक वाहन पर अधिकतम चार अर्थात ड्राइवर को मिलाकर कुल पांच व्यक्ति हो सकते हैं।
घुस रिश्वत आदि का प्रलोभन दोषी पाए जाने पर
आईपीसी के तहत निर्वाचन अपराध घुस रिश्वत आदि का प्रलोभन दोषी पाए जाने पर, निर्वाचन में और असयमक असर डालना दोषी पाए जाने पर, निर्वाचन में प्रतिरूपण, निर्वाचन के संबंध में गलत घोषणा, निर्वाचन के संदर्भ में अवैधानिक भुगतान निर्वाचन व्यय लेखा संधारण में विफल रहना, लोक शांति भंग करने के उद्देश्य से कोई ऐसा कार्य जो आम जन में भय उत्पन्न करें अथवा इसके लिए प्रेरित करना इंडियन पैनल कोड के तहत सुसंगत कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: मुजफ्फरपुर और वैशाली सीट पर कब है चुनाव? कैसी है आयोग की तैयारी? यहां जानें पूरी डिटेल
Bihar Politics: नीतीश कुमार ने आखिर पूरी ही कर दी अपने 'दोस्त' की मुराद, बेटे को दे दिए 3-3 मलाईदार विभाग