गरीब की बेटी की भी धूमधाम से होगी शादी, केवटी की हर पंचायत में बनेगा विवाह भवन
Vivah Bhawan Yojana Bihar: केवटी प्रखंड की सभी 26 पंचायतों में आधुनिक विवाह भवन बनेंगे। मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के तहत गरीब परिवारों की बेट ...और पढ़ें

Darbhanga Rural Development: गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं मानी जा रही है। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, केवटी (दरभंगा)। Mukhyamantri Kanya Vivah Mandap: अब गांवों में भी शहरों की तरह भव्य और सुव्यवस्थित शादियों का सपना साकार होने जा रहा है। सरकार की मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के तहत केवटी प्रखंड की सभी 26 पंचायतों में विवाह भवन निर्माण की दिशा में पहल शुरू कर दी गई है।
इससे खासकर गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अब बेटियों की शादी में जगह और व्यवस्था को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा।
प्रखंड में अब तक चार पंचायतों में विवाह भवन के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है, जबकि शेष 22 पंचायतों में जमीन उपलब्ध कराने को लेकर अंचलाधिकारी को निर्देश जारी किए गए हैं।
योजना का उद्देश्य है कि हर पंचायत में ऐसा आधुनिक विवाह भवन हो, जहां बेटियों की शादी सम्मान और सुविधा के साथ कराई जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कम जगह के कारण बरात ठहराने, भोजन व्यवस्था और शादी समारोह के दौरान कई तरह की दिक्कतें सामने आती थीं।
विवाह भवन बनने से इन सभी समस्याओं से निजात मिलेगी। गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं मानी जा रही है।
मुखिया को सौंपी जाएगी निर्माण की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार, प्रत्येक पंचायत में विवाह भवन निर्माण की जिम्मेदारी संबंधित पंचायत के मुखिया को दी जाएगी।
हर विवाह भवन का निर्माण लगभग 50 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा। यह भवन करीब 13,200 वर्ग फीट क्षेत्रफल में जी+1 संरचना में बनेगा।
भवन में दो बड़े हॉल, कई कमरे, प्रत्येक कमरे के साथ अटैच बाथरूम और शौचालय की सुविधा होगी। वर और वधु पक्ष के ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था रहेगी।
इसके अलावा भोजन बनाने के लिए अलग किचन शेड, वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था और विवाह भवन परिसर में ही कन्या मंडप की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
जमीन चिन्हित करने के निर्देश
प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी कुणाल कुमार ने बताया कि पंचायती राज विभाग की ओर से सभी पंचायतों में विवाह भवन निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है।
प्रत्येक पंचायत में इसके लिए करीब 30 डिसमिल जमीन की आवश्यकता होगी। चार पंचायतों में जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शेष पंचायतों में भी जल्द प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस योजना के लागू होने से न सिर्फ गरीब परिवारों को राहत मिलेगी, बल्कि गांवों में सामाजिक आयोजनों के लिए एक स्थायी और सुविधायुक्त व्यवस्था भी विकसित होगी।

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