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    बिहार को नई रेल लाइन की सौगात, लहेरियासराय–सहरसा के बीच बिछेगा 95 किमी लंबा ट्रैक

    By Ajit kumarEdited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 07:08 PM (IST)

    Mithila Kosi Railway Connectivity: बिहार को एक नई रेल लाइन की सौगात मिली है। लहेरियासराय और सहरसा के बीच 95 किलोमीटर लंबा नया ट्रैक बिछाया जाएगा। इस प ...और पढ़ें

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    Bihar Railway New Track Project:  न केवल यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई गति मिलेगी। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, दरभंगा। Bihar Railway New Track Project: बिहार के मिथिला और कोसी क्षेत्र को रेल नेटवर्क से और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल आकार लेती दिख रही है।

    लहेरियासराय (दरभंगा) से सहरसा के बीच प्रस्तावित नई रेल लाइन परियोजना को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने संकेत दिया है कि इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जल्द सकारात्मक घोषणा हो सकती है।

    करीब 95 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित रेल लाइन को मिथिला और कोसी क्षेत्र के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। परियोजना के धरातल पर उतरने से दरभंगा, सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जैसे जिलों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे न केवल यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई गति मिलेगी।

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    दशकों पुरानी मांग, अब उम्मीद जगी

    लहेरियासराय–सहरसा रेल लाइन की मांग आजादी के बाद से ही उठती रही है। अब तक इस क्षेत्र को सीधे जोड़ने वाली कोई रेल लाइन नहीं होने से लोगों को मानसी या झंझारपुर होकर लंबा सफर तय करना पड़ता है।

    सांसद गोपालजी ठाकुर इस परियोजना को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते रहे हैं। उनके प्रयासों के बाद नवंबर 2022 में रेल मंत्रालय ने सर्वे को मंजूरी दी थी, जो अब लगभग पूरा हो चुका है।

    इन इलाकों से होकर गुजरेगी रेल लाइन

    प्रस्तावित रेल लाइन दरभंगा, सुपौल और मधेपुरा जिलों के कई ग्रामीण व अर्धशहरी इलाकों से होकर गुजरेगी। इसके तहत करीब 10 नए स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है।

    यह लाइन लहेरियासराय से निकलकर देकुली, उघरा, खैरा, बिठौली, शंकर रोहार, हावीडीह, सजनपुर, कन्हौली, किरतपुर, जमालपुर, महिषी (तारा स्थान), बनगांव होते हुए सहरसा जंक्शन तक पहुंचेगी।

    कोसी पर बनेगा हाई लेवल ब्रिज

    रेलवे के प्रारंभिक आकलन के अनुसार इस परियोजना पर करीब 2376 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। लाइन के निर्माण में कोसी नदी पर एक बड़ा हाई-लेवल रेल पुल बनाया जाएगा। इसके अलावा 14 बड़े पुल, 41 छोटे पुल और 72 अंडरपास प्रस्तावित हैं, ताकि यातायात और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सके।

    दूरी और समय दोनों में बड़ी राहत

    नई रेल लाइन के शुरू होने से लहेरियासराय से सहरसा की दूरी लगभग 150–170 किलोमीटर से घटकर करीब 95 किलोमीटर रह जाएगी। वर्तमान में जहां इस यात्रा में 5 से 6 घंटे लगते हैं, वहीं नई लाइन से यह सफर महज ढाई से तीन घंटे में पूरा हो सकेगा।

    आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बल

    इस रेल परियोजना से कोसी और मिथिला के कई पिछड़े इलाकों में व्यापार, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर खुलने की उम्मीद है। खासकर जमालपुर, महिषी और किरतपुर जैसे क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही सहरसा और आसपास के जिलों के लिए दिल्ली समेत अन्य महानगरों तक पहुंच का एक छोटा और वैकल्पिक रेल मार्ग भी उपलब्ध होगा।

    सांसद गोपालजी ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार बिहार के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि लहेरियासराय–सहरसा रेल लाइन जल्द ही कागज से निकलकर जमीन पर दिखाई देगी और यह परियोजना पूरे उत्तर बिहार के विकास की दिशा बदलने वाली साबित होगी।